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नमस्कार , कृपया करके वैताल या योगनी या यक्षणि की कोई सात्विक स | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

नमस्कार , कृपया करके वैताल या योगनी या यक्षणि की कोई सात्विक साधना देने की कृपा करे हनुमान जी पूजा नहीं छोड़ सकता ,

उत्तर -
ऐसे आप अकेले साधक नही है इस विश्व में जो इस दुविधा में हैं जिन्हें किसी पर भरोसा नही है यदि आप हनुमान जी की पूजा करते हैं आपको इस प्रकार की साधना की आवश्यकता क्यूँ है और यदि आपको यक्षिणी आदि साधना करनी है तो हनुमान जी की पूजा क्यूँ करनी है ?

मनुष्य हमेशा तभी जीवन में कष्ट झेलता है जब वह एक साथ + और - दोनों को जोड़ कर चलना चाहता हैं, हनुमान जी की पूजा से यदि आपको लाभ नही मिल रहा है या तो आप हनुमान जी की पूजा भी सही से नही कर रहे हैं अथवा आप की श्रद्धा में कमी है जिस कारण से आपको फल नही मिल रहा है और श्रद्धा में कमी का ही परिणाम है की आप अन्य साधनाएं करना चाहते हैं वह किसी भी लाभ के लिए क्यूँ न हो.

देखिये ऐसी दुविधा से बाहर आयें की हनुमान जी की पूजा और कोई सात्विक साधना दोनों एक साथ करेंगे तो किसी १ में भी सफलता मिल पायेगी, इसके पीछे का कारण समझने के लिए जो रस निकास के विषय में मैं इस प्रश्न के उत्तर में बताया है वह समझें. https://t.me/rajyogipk/6007

भौतिक रूप से यक्षिणी बेताल हनुमान जी की अधीनता ले सकते हैं लेकिन सिद्धि नही हो सकती है दोनों की एक साथ ऐसी कोई विधि मेरे पास नही है क्यूंकि हनुमान जी की पूजा में मनुष्य क्या क्या करता है मुझे इसकी जानकारी नही है लेकिन राजसिक साधना में हनुमान जी की पूजा मना है अथवा यदि करनी है तो आपको राजसिक विधि से ही करनी होगी उस स्थिति में आप दो राजसिक साधनाएं एक साथ कर सकते हैं.

पूजा पाठ जिसमे न्यास विग्योग आदि होता है यह वैदिक विधि है आज तक मैंने कभी इसके विषय में नही बताया क्यूंकि मुझे शून्य जानकारी है इस विषय में न मैंने कभी इससे सम्बंधित कोई जानकारी प्राप्त की है साथ ही मुझे सात्विक विधि से की जाने वाली किसी भी साधना जो यक्ष यक्षिणी जैसी हों उनकी भी जानकारी नही है आप इसके लिए किसी अन्य मार्गदर्शक से संपर्क करें जिसे इसकी जानकारी हो.