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सादर प्रणाम गुरु जी मेरा प्रशन यह है कि मै संथा से बहुत दिनो स | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

सादर प्रणाम गुरु जी मेरा प्रशन यह है कि मै संथा से बहुत दिनो से जुडा हू टेलिग्राम के माध्यम से आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि आप कम समय मे कोई ऐसी साधना के विषय मे बताइये जिससे कि हमारी आर्थिक समस्या खत्म हो जाये आपका बहुत आभार होगा


उत्तर -
आपका प्रथम मेसेज मुझे 9 मई २०२२ को प्राप्त हुआ है आपको संस्था से जुड़े हुए प्रश्नोत्तरी के दिवस तक २ माह पूर्ण हो चुके हैं.

साधकों को यह समझना आवश्यक है की जिस प्रकार से आर्थिक समस्या एक दिवस में नही आती है धीरे धीरे आर्थिक समस्याएँ आनी शुरू होती हैं और वह धीरे धीरे बढती जाती हैं इसी कारण से मनुष्य को कभी भी इस प्रकार का निर्णय जल्दीबाजी में नही लेना चाहिए ना ही ऐसा कोई प्रयोग करना चाहिए जिसमे शारीरिक मानसिक हानि हो जाए.

एक सामान्य व्यक्ति कोई साधक नही होते हैं की वह कभी भी किसी भी प्रकार का प्रयोग करने में सक्षम हो वर्तमान समय की समस्या क्या है मनुष्य को सब कुछ तुरंत चाहिए और साधना अथवा तंत्र यह वह प्रक्रिया नही अथवा इसका जन्म जिस समय हुआ है उस समय मनुष्य अपने जीवन का बहुत बड़ा समय देते थे इसी कार्य में तब जाके नाना प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त करते थे और अपने जीवन में कुछ विशेष करते थे.

देखिये जब मनुष्य किसी भी एकदम कम दिन की साधना का चयन करता है उदाहरण हेतु १ दिवस अर्थात वह अपने जीवन के कुछ वर्षों की समस्या को एक दिन मे पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहता है अधिकतर यह आर्थिक समस्या होती है,

जितनी भी एक दिवसीय नकारात्मक साधनाएं हैं वही जल्दी फल दे सकती हैं और ऐसे में मानिसक हानि अर्थात मनुष्य का मानसिक रूप से पागल होना अथवा शारीरिक हानि अर्थात अंग भंग होना सम्मिलित है कई बार यदि साधक ने रक्षा तंत्र धारण किये हुए हैं तो ऐसी स्थिति में परिवावार में किसी व्यक्ति पर समस्या आजाती है इसलिए जब तक व्यक्ति को साधना का पूर्ण अनुभव ना हो उसे ऐसा कुछ नही करना चाहिए.

यदि साधक करना ही चाहते हैं तो इसे कोशिश करें - इसमें हवन करना होता है ३२ माला का

मंत्र - क्रीं क्रां क्रोंग न्यूं कट कट नीर प्रेतनी मत्स्य नाशिनी द्युत विजेता क्रों क्रां क्रीं हूम फट स्वाहा

नोट - इसमें गकार का प्रयोग है

बबूल की लकड़ी पर सूखी मछली से हवन करें और शराब से तर्पण मार्जन करें गिनती हेतु रुद्राक्ष एवं तुलसी एक अलावा कोई भी माला ले सकते हैं यदि हवन नही आकर सकते हैं जप संख्या ३ गुनी कर दीजिये माला हड्डी की होगी दिशा दक्षिण आसन लाल दिवस अमावस्या अथवा ग्रहण.

इस साधना के माध्यम से सिर्फ आर्थिक लाभ मिलते हैं ने किसी प्रकार के लाभ नही मिलते हैं साथ ही यदि साधक को जानकारी नही है वह स्वयं की हानि कर सकता है इसलिए सावधानी से साधना करें.