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प्रणाम गुरु जी प्रश्न - अगर किसी व्यक्ति ने रावण तंत्र धारण कि | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

प्रणाम गुरु जी
प्रश्न - अगर किसी व्यक्ति ने रावण तंत्र धारण किया है तो घर में ही पुजा पाठ है उसके बाद खाना भी है उस स्थिति में क्या किया जाए
धन्यवाद

उत्तर –
देखिये ऐसा कोई विशेष नियम नहीं है की आप तंत्र धारण करके भोजन अथवा पूजा पथ में सम्मिलित नहीं हो सकते हैं रावण खुद भी शिव भक्त है और एक उर्जा को बंधित करके अपने धारण किया है ऐसी स्थिति में अनेक उर्जा के संपर्क में आने से कई बार किसी भी उर्जा का लाभ नहीं मिल पाता है इसलिए यह कहा गया है की तंत्र धारण करने के बाद बहुत अधिक अनुष्ठान का हिस्सा न बने क्यूंकि वहां उत्पन्न होने वाली तरंग कहीं न कहीं आपके जीवन में कुछ प्रभाव अवश्य डालेगी अब वह प्रभाव क्या होगा यह कहना मुश्किल है.
तंत्र की यही विशेषता है की वह कब किस प्रकार से कार्य करेगा यह मनुष्य के कर्म पर निर्भर करता है की वह कितन अधिक पालन करता है किसी भी चीज़ का. मैं स्वयं भी तंत्र धारण करता हूँ और जीवन अनुसार उसे बदलता रहता हूँ कई बार साधकों को लगता है की तंत्र का शुल्क है लेकिन उन्हें यह समझना होगा की आपको मिलने वाला लाभ तंत्र के शुल्क से कहीं अधिक होता है संस्था में सभी रत्न एवं तंत्र धारण करते रहते हैं इसमें कुछ विशेष नहीं है अतः इसकी चिंता ना करें बस अपने कार्य में लिप्त रहें अनुष्ठान की प्रक्रिया हर एक घर में होती है यह आवश्यक भी है इश्वर के प्रति किसी भी माध्यम से प्रेम प्रकट करें लेकिन करें अवश्य जितनी भी सनातन विधियाँ हैं उनमे ऐसे ऐसे रहस्य छुपे हुए हैं जिनपे विज्ञान आज भी शोध कर रहे हैं कई लोग उसका खंडन भी कर रहें हैं सभी के अपने तर्क हो सकते हैं मेरा किसी से विरोधाभास नहीं है आज के समय तक जीते मेरे शोध हैं उसमे मैं सर्वाधिक वैज्ञानिक धर्म सनातन को ही मानता हूँ और यह सत्य है की आने वाले २० से ३० वर्ष में यह सम्पूर्ण विश्व इस चीज़ को मानेगा और आने वाले समय में मानव निर्मित संप्रदाय समाप्त होंगे और धर्म के आधार पर नहीं मनुष्य सत्य के आधार पर जीवन यापन करेंगे ऐसे नियम का पालन करेंगे जिससे किसी को भी हानि न हो और सभी का भला हो यही सत्य सनातन धर्म है सनातन का अर्थ ही है जो अमर है हमेशा है और हमेशा रहेगा मृत्यु होती ही नहीं है आप सिर्फ परिवर्तन कर सकते हैं.