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साधना सामग्री की आवश्यकता नही रात्री में मात्र ११ बार बोलने | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

साधना सामग्री की आवश्यकता नही

रात्री में मात्र ११ बार बोलने से स्वप्न में मिलेंगे सभी उत्तर

यह एक प्रकार की स्वप्नेश्वरी विद्या है जिसे सिद्ध करने वाले साधक को समस्त प्रश्न के उत्तर स्वप्न में अथवा आखें बंद करके मिल जाते हैं (लेकिन अवस्था सुसुप्त हो) अब यह एक ऐसी साधना है जिसमे किसी भी प्रकार की साधना सामग्री की आवश्यकता नही है यह उनके लिए विशेष है जिन्हें निशुल्क साधना की आवश्यकता है मैं चाहता हूँ वह सभी इस साधना को अवश्य करें जिन्होंने निशुल्क साधना की हमेशा मांग की है अथवा इसे अन्य साधक भी कर सकते हैं क्यूंकि इसमें सिर्फ आपका श्रम ही लगेगा अन्य कुछ नही.
इसकी साधना भी सर्वाधिक आसान है.


२१ रात्रि तक सोने से पूर्व २१ बार मंत्र जप करें और सो जाएँ यह मंत्र सिद्ध हो जायेगा उसके बाद जब भी आवश्यकता हो उस स्थिति में ११ बार मंत्र जप करें और प्रयोग करें इस विद्या का अब इससे आसन एवं कम समय में होने वाली साधना कोई हो ही नही सकती है.

२१ बार मंत्र जप करने में मुश्किल से ५ मिनट लगेंगे २१ दिन में कुल १०५ मिनट की यह साधना है लगभग पौने २ घंटे की.

इस साधना को आप जितनी इक्षा फॉरवर्ड करें अथवा न करें यह आपकी इक्षा है क्यूंकि जितने अधिक लोगों को मंत्र की जानकारी होगी उतनी ज्यादा मंत्र की शक्ति कमज़ोर होगी अब वह आपकी इक्षा है की आपको सुरक्षित रखना है अपने लिए अथवा फोरवर्ड करना है. इसका मंत्र मैं सार्वजानिक रूप से दूंगा.

इस साधना में किसी भी प्रकार से व्यक्तिगत मदद नही दी जाएगी यह आपको ध्यान देना है की साधना से समबन्धित १ भी प्रश्न संस्था में न पूछें.

इस साधना में

- आपको बिना लहसुन प्याज़ का भोजन करना है (शुद्ध सात्विक भोजन)

- जमीन पर चटाई पर सोना है कुषा की (तकिया चद्दर आदि नही उपयोग करना है)

- मंत्र जप के बाद किसी से बात नही करनी है सीधे सो जाना है.

- पूरे दिन जब अति आवश्यक हो तभी बात करें अनावश्यक न बोले

- २१ दिनों तक झूठ बिलकुल भी न बोले

- पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें तन मन सबसे

मात्र २१ बार ही मंत्र बोलना है रात में १९ अथवा 22 न करे.

स्थान परिवर्तन न करें , धार्मिक स्थल पर न जाएँ, स्त्री का सम्मान करें , गुप्तांग पर नियंत्रण करें किसी भी प्रकार के ऐसी विचार न उत्पन्न करें.

मंत्र - ॐ नमो यक्षिणी आकर्षणी घंटाकरणी महापिशाचिनी मम स्वप्ने दर्शन देहि देहि स्वाहा

मुहूर्त - अमावस्या से शुरू करें.

जो भी व्यक्ति आपसे अपनी समस्या जाहिर करें उसे यह साधना भेज दीजिए यदि और चैनल से जोड़िए।