'ख़ूबसूरत होना भी क्या रिश्वत है? मौसा कहते थे कि गंजे हाकिम के | Posham Pa ― a Hindi literary website
"ख़ूबसूरत होना भी क्या रिश्वत है? मौसा कहते थे कि गंजे हाकिम के पास ख़ूबसूरत लड़की भेज दो और कुछ भी करवा लो… ख़ूबसूरत लड़की और रुपया, रुपया और ख़ूबसूरत लड़की – इन्हें लेकर जज और हाकिम काम क्यों कर देते हैं? क्यों… क्यों और ख़ूबसूरत लड़की का वे क्या करते हैं? काम करवाते होंगे, पर काम तो सभी करते हैं… फिर ख़ूबसूरत लड़की ही क्या?… और उसके मौसा बहुत-से रुपये लाते हैं, पर लड़की कभी नहीं लाते… उसकी समझ में कुछ नहीं आया।"
https://poshampa.org/dharti-ab-bhi-ghoom-rahi-hai-a-story-by-vishnu-prabhakar/