"अकेले कवि की बहुत-सी कविताएँ उसे अकेले नहीं रहने देतीं। वे कवि के अकेले होने को सामूहिक बना देती हैं। कवि के अकेलेपन में भी एक सामूहिक राग है।" https://poshampa.org/kavita-ek-naya-prayaas-maangti-hai-an-essay-by-leeladhar-jagudi/ 31 views14:59