जीवन बचा है अभी सूख गए फूल के आसपास है ख़ुशबू आदमी को छोड़कर भागे नहीं हैं सपने भाषा शिशुओं के मुँह में आकार ले रही है! https://poshampa.org/jeewan-bacha-hai-abhi-shalabh-shriram-singh/ 42 views11:30