एक दिन बड़ी होना सब जगह घूमना तू हमारी इच्छाओं को मज़बूत जूतों की तरह पहने प्रेम करना निर्बाध नीचे झाँककर सूर्य को उगते हुए देखना। https://poshampa.org/samta-ke-liye-a-poem-by-viren-dangwal/ 105 views04:00