छूता किसी को तो हाथों में अनिश्चय न होता न होता तनाव अपने दुःखों से दूसरों को लादे बिना धीरे-धीरे पिघलता हुआ उसकी आँच में धीरे-धीरे बदलता... https://poshampa.org/ho-sakta-tha-naveen-sagar/ 132 views10:29