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1. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय ऐसे प्रत्यय जो शब्द में उड़ने के ब | हिन्दी साहित्य / Hindi Literature

1. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

ऐसे प्रत्यय जो शब्द में उड़ने के बाद शब्द को इस तरह परिवर्तित कर दे कि शब्द से कार्य करने वाले का बोध हो, तब यह कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाता है। जैसे:

कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण :

सोना , लोहा , कह , चम + आर = सुनार , लुहार , कहार , चमार आदि ।
मजाक , रस , दुःख , आढत , मुख , रसोई + इया = मजाकिया , रसिया , दुखिया , आढतिया , मुखिया , रसोईया आदि
समझ , ईमान , दुकान , कर्ज + दार = समझदार , ईमानदार , दुकानदार , कर्जदार आदि ।
मशाल , खजान , मो + ची = मशालची , खजानची , मोची आदि ।
ऊपर सभी उदाहरणों में जैसा कि आपने देखा पहले मुख्या शब्द का अर्थ अलग था। लेकिन जब मुख्या शब्द में हमने प्रत्यय लगाए तब ही इन शब्दों का अर्थ बिलकुल भीं हो गया। पहले ये सभी शब्द संज्ञा या सर्वनाम या विशेषण थे प्रत्यय जोड़ गए तब ये शब्द हमें कार्य करने वालों का बोध होने लग गया।

2. भाववाचक तद्धित प्रत्यय

ऐसे प्रत्यय जो शब्द में लगने के बाद शब्द को भाववाचक में बदल दें, वे प्रत्यय भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
इसमें प्रत्यय लगने की वजह से कहीं कहीं पर आदि स्वर की वृद्धि हो जाया करती है ।
भाववाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण

भला , बुरा , कठिन , चतुर , ऊँचा + आई = भलाई , बुराई , कठिनाई , चतुराई , ऊँचाई आदि ।
बच्चा , लडक , छुट , काला + पन = बचपन , लडकपन , छुटपन , कालापन आदि ।
देवता ,मनुष्य , पशु , महा , गुरु , लघु + त्व = देवत्व , मनुष्यत्व , पशुत्व , महत्व , गुरुत्व , लघुत्व आदि ।
सुंदर , मूर्ख , मनुष्य , लघु , गुरु , सम , कवि , एक , बन्धु + ता = सुन्दरता , मूर्खता , मनुष्यता , लघुता , गुरुता , समता , कविता , एकता , बन्धुता आदि ।
जैसा कि आपने ऊपर दिए गए उदाहरणों में देखा पहले सभी मुख्या शब्द विशेषण या दूसरी संज्ञाएँ थी। उनका अर्थ कुछ और था। फिर हमने इन शब्दों में आई, ता, पन जैसे प्रत्ययों को जोड़ा। जैसे ही ये प्रत्यय शब्द के साथ जुड़े तभी उन शब्दों में परिवर्तन आ गया। अब ये शब्द भाववाचक संज्ञा आदि बनगए हैं। अब इन शब्दों से हमें भावों का बोध हो रहा है जैसे लड़कपन, बुढापा, सुदरता आदि। अतः ये उदाहरण भाववाचक तद्धित प्रत्यय के अंतर्गत आयेंगे।

3. संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय

ऐसे प्रत्यय जिनसे हमें किसी के बीच के संबंध का पता चले, वे संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण :

लखनऊ, पंजाब, गुजरात, बंगाल, सिंधु + ई = लखनवी, पंजाबी , गुजराती , बंगाली , सिंधी आदि ।
शरीर , नीति , धर्म , अर्थ , लोक , वर्ष , एतिहास + इक = शारीरिक , नैतिक , धार्मिक , आर्थिक , लौकिक , वार्षिक , ऐतिहासिक आदि ।

4. गणनावाचक तद्धित प्रत्यय :

ऐसे प्रत्यय जो शब्द में लगने के बाद शब्द को संख्यावाची बना दे, वे प्रत्यय गणनावाचक प्रत्यय कहलाए हैं। जैसे:

गणनावाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण :

इक , दु , ति + हरा = इकहरा , दुहरा , तिहरा आदि ।
पांच , सात , दस + वाँ = पांचवां , सातवाँ , दसवां आदि ।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं पहले शब्द का अर्थ भिन्न था लेकिन जैसे ही हमने प्रत्यय लगाया वैसे ही अर्थ भी परिवर्तित हो गया।