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ब्रह्मचर्य

टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharyalife — ब्रह्मचर्य
टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharyalife — ब्रह्मचर्य
चैनल का पता: @brahmacharyalife
श्रेणियाँ: गूढ़ विद्या
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 1.06K
चैनल से विवरण

ब्रह्मचर्य ही जीवन है 🙏🏻
समूह का लिंक 👇👇
@brahmacharya1
🚩🚩🚩🚩🚩🚩
#ब्रह्मचर्य
#आयुर्वेद
#योग
#मोटिवेशन
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नवीनतम संदेश 30

2022-04-25 08:37:59

95 views05:37
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2022-04-25 04:45:24 https://t.me/vaidic_gyan/1290
84 views01:45
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2022-04-24 18:47:06

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2022-04-24 16:38:41 ****अष्ट मैथुन****

संकल्पोऽध्यवसायश्च किया निष्पत्तिरेव च ॥

"एतन्मैथुनमष्टांग प्रवदन्ति मनीषियाः विपरीतं ब्रह्मचर्य एतत् एवाष्टलक्षाम् ॥ १ ॥

शास्त्र में ब्रह्मचर्य-नाश के आठ मैथुन बतलाए हैं:

(1) किसी जगह पढ़े हुए, सुने हुए या चित्र मे व प्रत्यक्ष देखे हुए स्त्री का ध्यान चिन्तन व स्मरण करना

(2) स्त्रियों के रूप, गुण और अंग प्रत्यंग का वर्णन करना शृङ्गारिक गायन व कजली गाना अथवा भद्दी बाते बकना।

(3) स्त्रियों के साथ गेंद, ताश, शतरंज, होली इत्यादि खेल खेलना

(4) किसी जी की ओर गीध या ऊँट की तरह गर्दन उठा कर या घुमा कर पाप-दृष्टि अथवा चोर दृष्टि से देखना ।

(5) स्त्रियों मे बार बार आना जाना और उनके साथ एकान्त में बातचीत करना।

(6) शृङ्गार रसपूर्ण वाहियात उपन्यास पड़कर किंवा स्त्रियों के भद्दे फोटो देखकर अथवा नाटक वा सिनेमा के रद्दी कामचेष्टापूर्ण दृश्य देखकर उन्हीं की कल्पनाओं में निमग्न रहना।

(7) किसी अप्राप्य वस्तु की प्राप्ति के लिये व्यर्थ पापपूर्ण प्रयत्न करना और

(8) प्रत्यक्ष संभोग

ये ही अष्टमैथुन हैं। इन लक्षणों के बिलकुल विरुद्ध लक्षण अखंड ब्रह्मचर्य के होते हैं। आदर्श ब्रह्मचारी मे इनमे का एक भी लक्षण या मैथुन नहीं आना चाहिये। क्योंकि इनमें का कोई भी मैथुन किंवा लक्षण मनुष्य को नष्ट भ्रष्ट करने में पूर्ण समर्थ है।

"ब्रह्मचर्य ही जीवन है"
113 views13:38
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2022-04-24 14:59:14
कोन चाहता है की आर्य vs हिंदू हो ?
Anonymous Poll
84%
बिलकुल नहीं चाहता , हम एक ही हैं , हम आपस मे समझ लेंगे
16%
हां होना चाहिए
107 voters72 views11:59
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2022-04-24 14:54:51 सभी को सादर नमस्ते जी

यह संदेश सभी आर्य भाइयों के लिए है । मै और आप सभी पहले पौराणिक ही थे लेकिन हमने सत्य को समझा और हम आज वैदिक धर्मी हैं , पर हमारे बहुत से पौराणिक भाई इन सब बातों को समझ नही पा रहें क्योंकि बचपन से हमें पौराणिक बातें ही बताई जाती हैं । हम चाहते हैं की विश्व का हर एक व्यक्ति वैदिक बन जाए , इसीलिए हमसे जो हो पाता है हम करते हैं , सत्यार्थ प्रकाश का प्रचार करते हैं , शास्त्रार्थ करते हैं , आदि । हम क्रोधित भी होते हैं क्युकी हमारी बातें सुनकर पौराणिक भाई लोग गलियां देते हैं । पर हम क्या कर सकते हैं , वो हैं तो हमारे ही भाई , उन्हे सिर्फ डिबेट में हराकर , तर्कहीन करके यूं ही विधार्मियो के लिए नही छोड़ सकते ना ।
हमारा लक्ष्य होना चाहिए की उनसे प्रेमपूर्वक ही बात करें , उन्हे धीरे धीरे वैदिक बनाने का प्रयास करें , बात गाली तक आने ही न पाए , और ऐसे भाइयों से तो डिबेट करना ही नही चाहिए जिन्हे पुराणों के बारे में भी सही से नही पता । डिबेट करे तो सिर्फ बड़े और प्रचलित लोगों से ।
आज लोग आर्य समाज के बारे में सही से जानते तक नहीं वो आर्य समाज से जुड़ेंगे कैसे , आप किसी से पूछेंगे तो वो शायद दो ही बात बताए की ये मूर्ति पूजा का खंडन करते हैं और शादी कराते हैं , क्या इतने ही कार्य हैं आर्य समाज के , हमारा उद्देश्य होना चाहिए की महर्षि दयानंद जी के द्वारा बनाए गए आर्य समाज के बारे में लोगो को बताएं , और यह भी समझाएं लोगों को की आर्य समाज ही हिंदुओं/आर्यों का सबसे बड़ा हितैषी है।
जैसा की महर्षि दयानंद जी भी चाहते थे की आर्य समाज अलग मजहब नहीं बनना चाहिए , इसलिए हमें खुद को हिंदुओं से अलग नहीं दिखाना चाहिए ।
आशा है आप मेरी बातें समझ गए होंगे की मै क्या कहना चाहता हूं।
यह पोस्ट अन्य आर्य भाइयों को भी भेज दें।
74 views11:54
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2022-04-24 14:37:55 https://t.me/satyarth_prakash_prachar_samuh
110 views11:37
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2022-04-24 08:14:35
तुम गुलामी छोड़ो अपने मन इन्द्रियों की ओर महान कार्य में लग जाओ

https://t.me/Brahmacharyalife
108 views05:14
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2022-04-24 08:13:20
राजीव दीक्षित जी के ऐसे ही शक्तिशाली कथनों को पढ़ने के लिए जुड़े @swadeshiandolanrajivdixit चैनल से ।
इन विचारों को और लोगों तक भी पहुंचाएं
99 views05:13
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2022-04-24 08:11:32 १• इस संसार को किसने बनाया है ?
-- ईश्वर ने

२• प्रकृति जड़ है व चेतन?
-- जड़

३• पंचमहाभूत कौन से है?
-- पृथिवी, जल, अग्नि, वायु, आकाश

४• क्या संसार अपने आप बन सकता है ? यदि हाँ तो कैसे ओर यदि नही तो क्यों नही?
-- नही । संसार अपने आप नही बन सकता क्योंकि वह जड़ है। जड़ पदार्थ मे अपने आप क्रिया नही होती ।

५• अनादि किसे कहते है ?
-- जो कभी उत्पन्न नही होता उसे अनादि कहते है।

६• बीज पहले है व वृक्ष ?
-- बीज का अर्थ है कारण। कारण हमेशा कार्य से पहले होता है। इसलिए वृक्ष से पहले बीज होता है।

७• वेद पढ़ने का अधिकार किसे है?
-- मनुष्य मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है ।

https://t.me/vaidic_gyan
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