2022-04-24 14:54:51
सभी को सादर नमस्ते जी
यह संदेश सभी आर्य भाइयों के लिए है । मै और आप सभी पहले पौराणिक ही थे लेकिन हमने सत्य को समझा और हम आज वैदिक धर्मी हैं , पर हमारे बहुत से पौराणिक भाई इन सब बातों को समझ नही पा रहें क्योंकि बचपन से हमें पौराणिक बातें ही बताई जाती हैं । हम चाहते हैं की विश्व का हर एक व्यक्ति वैदिक बन जाए , इसीलिए हमसे जो हो पाता है हम करते हैं , सत्यार्थ प्रकाश का प्रचार करते हैं , शास्त्रार्थ करते हैं , आदि । हम क्रोधित भी होते हैं क्युकी हमारी बातें सुनकर पौराणिक भाई लोग गलियां देते हैं । पर हम क्या कर सकते हैं , वो हैं तो हमारे ही भाई , उन्हे सिर्फ डिबेट में हराकर , तर्कहीन करके यूं ही विधार्मियो के लिए नही छोड़ सकते ना ।
हमारा लक्ष्य होना चाहिए की उनसे प्रेमपूर्वक ही बात करें , उन्हे धीरे धीरे वैदिक बनाने का प्रयास करें , बात गाली तक आने ही न पाए , और ऐसे भाइयों से तो डिबेट करना ही नही चाहिए जिन्हे पुराणों के बारे में भी सही से नही पता । डिबेट करे तो सिर्फ बड़े और प्रचलित लोगों से ।
आज लोग आर्य समाज के बारे में सही से जानते तक नहीं वो आर्य समाज से जुड़ेंगे कैसे , आप किसी से पूछेंगे तो वो शायद दो ही बात बताए की ये मूर्ति पूजा का खंडन करते हैं और शादी कराते हैं , क्या इतने ही कार्य हैं आर्य समाज के , हमारा उद्देश्य होना चाहिए की महर्षि दयानंद जी के द्वारा बनाए गए आर्य समाज के बारे में लोगो को बताएं , और यह भी समझाएं लोगों को की आर्य समाज ही हिंदुओं/आर्यों का सबसे बड़ा हितैषी है।
जैसा की महर्षि दयानंद जी भी चाहते थे की आर्य समाज अलग मजहब नहीं बनना चाहिए , इसलिए हमें खुद को हिंदुओं से अलग नहीं दिखाना चाहिए ।
आशा है आप मेरी बातें समझ गए होंगे की मै क्या कहना चाहता हूं।
यह पोस्ट अन्य आर्य भाइयों को भी भेज दें।
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