क्या यह सत्य नही??? देह भी चोला, वस्त्र भी चोला यह तथ्य है विचारने जैसा इस चोले के परिवर्तन पर क्या है धीरज हारने जैसा अरे मूर्ख मन!!! आखिर कब तक तेरी सलाह मान कर मैं खुद को दूषित करूँगा नही अब और नही। तेरा स्वभाव तो नीचे गिरना ही रहा है यदि अब तुझे विवेक का चाबुक न लगाया है तो तू वश नही होगा। अतः तुझे नियमित महान संकल्प और उच्च लक्ष्य कि दिशा देता हूँ एक दिन ये देह रूपी कोठरी छोड़कर जानी पड़ेगी अब मान जा और ईश्वर के याद में रहते हुए सात्विक और पवित्र जीवन जी । इसी में तेरा भला होगा अच्छी और सात्विक आदतों के लिये जुड़े https://t.me/+RCBOO24o4PS1h2mj शेयर करना न भूले जय माता दी पवित्रता ही सुख का आधार है। 2.1K views04:38