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Brahmacharya Celibacy ManthanHub (ब्रह्मचर्य)

टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya_celibacy_manthanhub — Brahmacharya Celibacy ManthanHub (ब्रह्मचर्य) B
टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya_celibacy_manthanhub — Brahmacharya Celibacy ManthanHub (ब्रह्मचर्य)
चैनल का पता: @brahmacharya_celibacy_manthanhub
श्रेणियाँ: शिक्षा
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 3.29K
चैनल से विवरण

ब्रह्मचर्य पालन का प्रैक्टिकल तरीका सीखें।

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3 reviews

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नवीनतम संदेश 4

2022-02-16 03:19:01
शिवरात्रि सीरीज

पार्ट 3

30 सेकंड
245 views00:19
ओपन / कमेंट
2022-02-15 18:32:45
शिव रात्रि के गहरे रहस्य

पार्ट 2

(शिवरात्रि 2022 तक हर दिन 30 सेकंड के 2 वीडियो आयेगे। आप इसे व्हाट्सएप स्टेटस पर भी जरूर लगाना जी ।)
352 views15:32
ओपन / कमेंट
2022-02-15 07:38:58
शिवरात्रि 2022 सीरीज

पार्ट 1
435 views04:38
ओपन / कमेंट
2022-02-14 04:29:10
334 views01:29
ओपन / कमेंट
2022-02-11 02:48:59

वेलेंटाइन : धीमा जहर


एक पिता ने कतरा कतरा करके कमाई थी इज़्ज़त

बेटी "वेलेंटाइन डे" पर एक चॉकलेट में बेच आयी।


तीन बातें... ध्यान देने की है...

वैलेंटाइन को सपोर्ट/प्रोमोट कौन करता है..

बॉलीवुड , टीवी सीरियल, प्राइवेट न्यूज चैनल/ FM रेडियो, वामपंथी, महिलावादी बुद्धिजीवी, पश्चिमी सभ्यता में डूबे लोग

कमाई किसकी होती है..

शुरू में...

विदेशी गिफ्ट कम्पनियों की, विदेशी चाकलेट, बेकरी कम्पनियों की, विदेशी precaution ( कॉन्डोम / गर्भनिरोधक गोलियों ) की , पोर्न इंडस्ट्रीज की, बॉलीवुड/फिल्मो की...

बाद में..
गर्भपात करने वाले डॉक्टर्स की, अजन्मे बच्चो को बेचकर, बाझपन/कैंसर/गुप्त रोग के डॉक्टर्स और स्त्री रोग विशेषज्ञों की, सोशल नेट्वर्किंग एप्प और पोर्न साईट की, सच्ची घटनाओ पर आधारित टीवी सीरियल/शोर्ट मूवी की, ट्रैफिकिंग के बाद अंग व्यापार और जू प्रोडक्ट इंडस्ट्रीज की, महिला सुरक्षा के खोखले वादों पर वोट बनाने वाले और फर्जी योजनाए चलाने वाले नेताओ.. और भी कई हैं..बड़े छोटे..

इसमें फँसती/मरती कौन है ??

छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय और निचले तबके की ज्यादातर पढ़ी लिखी लड़कियाँ जिनके परिवार का कोई रजिनितिक और क़ानूनी पकड़ नही होता.. सीधे साधे और दुनियादारी से अनजान भोले लोग

जैसे की आप.. और आपकी बेटी..

इसमें ऐसा कुछ भी नही जो आप नहीं जानते. . आप सब कुछ जानते हो. .

दिसम्बर से फरवरी तक.. एक मास्टर लेवल की स्क्रिप्ट रची जाती है.. फिर बड़ी सफाई से प्यार / मोहब्बत / आशिकी के नाम पर बड़े स्तर पर लड़कियों को फँसाकर / मारकर अरबो रूपये का देशी विदेशी व्यापार होता है..!!

वैलेंटाइन कोई त्यौहार नही है. ..यह बड़े लेवल का बिजनेस इवेंट है !

फरवरी लडकियों के लिए सबसे खतरनाक महीना होता है.. अपनी बच्ची का विशेष ध्यान रखे.. क्यों कि जो दूसरी लडकियों के साथ हो रहा है... वो आपकी बेटी के साथ नही होगा.. उसकी कोई गारंटी नही..!!

कुछ भी अचानक से नही होता, उसके पीछे कारण होता है.. वो कारण है पैसा


तो जागो मेरे देश के युवाओं, अब खुद को आजाद करो इन बेड़ियों से ।

जरा सोचो पावनता की इस धरा में क्या कभी ऐसी घटनाएं घटी थी ?? नही

युवा तू बदल सकता है जमाने को

इन दिनों में काम विकार की वायु चारो तरफ होगी, न चाहते हुए भी आपके मन मे गलत विचार चल सकते है।

पर मेरे युवा ना तो तू कोई गलत चीज पढ़ना ,ना ही देखना जो अश्लील हो। किसी को फॉरवर्ड भी मत करना ऐसा कोई मैसेज जिसमे काम वासना की गंदी बदबू आए।

तेरा राष्ट्र निर्माण में यही एक बड़ा योगदान होगा।

हर युवा को तू जागरूक कर । इन बातो के चंगुल में मत फंस....लक्ष्य की और कदम बढ़ा...

युवा तू देश की फाउंडेशन है । देश की बुनियाद है। अगर सही मायनो में तुम्हे देश से प्यार है तो आज ऊपर लिखी बात तेरे समझ में आ जानी चाहिए।

मिट्टी के पुतलों की
ज़्यादा औकात नही होती
जो जिस्म पे आके बिखर जाए
प्रेम इतनी
मामूली बात नही होती

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अपने साथियों और मासूम बहनो को बचाएं। अपने मित्रों को ज़रूर शेयर करे
768 views23:48
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2022-02-06 18:54:08

युवाओं के नाम एक संदेश


ओ युवाओं खबरदार

अगले 7 दिन खबरदार रहना ।


सावधान रहना

काम विकार की आंधी चलेगी , खुद को बचाना उससे

नोट: इस पोस्ट का उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है। ये केवल युवाओं के चरित्र निर्माण के लिए है ।



आने वाले कुछ दिन हर तरफ अश्लीलता का बोलबाला होगा आप भी उसके आगोश में आ सकते हो इसलिए खबरदार

@brahmacharya

कुछ भी हो जाए वादा करो मुझसे कोई भी गलत ,अश्लील, काम वासना से भरी चीज़ ना तो देखोगे ना हो पढ़ोगे


अगर खुद को सही रास्ते पर नहीं रखा तो सारी कमाई तबाह हो जाएगी


तुझे देश को ऊंची मंजिल पर लेकर जाना है


तू अगर गंदी विकारों की खाई में ,काम वासना की गंदी नाली में गिरा तो तेरी खैर नही


आंखे खोल कर पढ़ युवा ये बाते

कोई नहीं बताएगा तुझे इतना ,

हां ये सच है चारो तरफ इश्क मोहबत और न जाने क्या क्या दिखाया व सुनाया जाएगा


पर मेरे शेर व शेरनियों तुम अडोल अचल रहना अंगद के समान


ओ युवा मल ,मूत्र ,खून , हड्डियों , कफ के (मिट्टी के देह) पर मोहित होकर अपनी जवानी की जीवन शक्ति (वीर्य) को ख़तम मत कर लेना तू ,

पट्टी खोल जो तेरी आंखों पर पड़ी है ।

तुझ में ताकत है आकाश तक जाने की , अगर तू काम वासना में फंसकर , अश्लील कल्पना करने में ही अपने कीमती वक्त को गवा देगा तो ये थूक पर फिसल कर गिरने के समान है ।

तुझे बड़ी दूर जाना है गंदी नाली मे रुकना तुझे शोभा नहीं देता।


ओ युवा कसम है तुझे उस देश की जहां भगतसिंह जैसे युवाओ ने खुशी खुशी देश के लिए जीवन को लगा दिया ,

तू क्या कर रहा है क्या पढ़ रहा है क्या देख रहा है ,रुक जा अब इसको रोक फिर देख सफलता कितनी आसान हो जाएगी ।

बस अब नहीं


बहुत जी लिया विकारों के साए में ,तोड़ दे काम वासना की ये जंजीर

तू एक कदम तो हिम्मत का बढ़ा तो सही, पूरी दुनिया तेरे पीछे ना चलने लगे तो कहना


खबरदार ,सावधान, अटेंशन


आ युवा इन 7 दिन सोशल मीडिया पर अश्लील , काम वासना से भरी पोस्ट का व्रत(,fast) रखते है,मत देखना कुछ भी गलत ,क्या है तेरे में इतनी ताकत या पूरी तरह गुलाम बन गया है तू । बहुत शक्ति मिलेगी इससे

आंखो मे चमक होगी ,वाणी में तेज होगा, एकाग्रता चरम शिखर पर होगी ....



बस ये 7 दिन खुद पर नियंत्रण रखना और


ना ही कोई गलत , काम वासना ,अश्लीलता का पोस्ट फॉरवर्ड करना किसी को

ये तेरा राष्ट्र निर्माण में एक बड़ा योगदान होगा ।


अपनी शक्ति को बचा

गलत कामों में मत व्यर्थ बहा गंदी नाली में इसे,

अपनी शक्ति को सफलता तक पहुंचने में लगा।


अब सोने का समय नहीं है जाग युवा जाग

ये बात कही भी कोई नहीं बताएगा तुझे

तेरा भाग्य है जो ये पोस्ट तेरे तक पहुंची है ।इसे पढ़कर भी नहीं संभला तो फिर तू खुद जिम्मेवार होगा हर नतीजे का


जाग युवा , जवानी को बचा ,देश के विकाश में ,एक सुखद सुंदर समाज का निर्माण करने में अपनी भूमिका निभा ,

केवल तू ही ये कर सकता है ।

पहचान अपनी ताकत को


अब पूछे मुड़कर मत देखना उन गंदी चीजों ,गंदे विचारो को


देख सारा संसार आशा के साथ तेरी तरफ़ देख रहा है

तू गिरा तो दुनिया गिरेगी

तू उठेगा तो दुनिया उठेगी

तू इस दुनिया की फाउंडेशन है नीव है ।

देख ले अब क्या करना है ।


जाग युवा जाग अब सोना नहीं ।


मुश्किलो में दम नहीं , कदम कदम बढ़ाए जा

प्यार करना ही है तो सच्चा प्यार करो , देश से करो , समाज से करो,परिवार वालो से करो भगवान से करो , अपने लक्ष्य से करो पर बुरी कल्पनाओ में खुद को न उलझाओ

तेरे पास वक्त नहीं है यू व्यर्थ में गवा देने का

सफलता तेरा इंतज़ार कर रही है बस एक कदम बढ़ा सही रास्ते पर

क्या करे अगले 7 दिन

1. कोई अच्छी किताब पढ़े
2 मोटिवेशनल song सुने ,वीडियो देखे
3 मेडिटेशन , योग व प्राणायाम करें
4 इस चैनल की पोस्ट पढ़े
5 अपने लक्ष्य की प्लैनिंग करे
6 कोई रचनात्मक काम में व्यस्त रहे।




Join करे इस दुनिया का चरित्र निर्माण का सबसे बड़ा चैनल https://t.me/+RCBOO24o4PS1h2mj



शेयर करे इस पोस्ट को टेलीग्राम पर, व्हाट्सअप ग्रुप्स पर, इंस्टाग्राम पर , फेसबुक ग्रुप में हर जगह ,

इतनी पोस्ट शेयर करते हो आज एक अच्छी पोस्ट शेयर करने में घबराना मत
,तुम्हारी एक पोस्ट न जाने कितने युवाओं को सही राह पर ला सकती है ।
359 views15:54
ओपन / कमेंट
2022-02-05 03:39:18
382 views00:39
ओपन / कमेंट
2022-02-02 11:52:15


प्रश्न: जीवन में काम ( सेक्स ) की भावना को कैसे संयमित करें? ऐसी भावनाएँ आती हैं और मन विचलित और कुंठित हो जाता है।
( सैकड़ों बार पूछा गया प्रश्न है, उत्तर बड़ा है लेकिन जरूर पढ़ो )
____
उत्तर:
जीवन ऊर्जा को जब तुम कोई नियंत्रित दिशा नहीं देते हो। तो यह ऊर्जा तुम्हारे आस-पास घटने वाली घटनाओं से प्रेरित होकर एक स्वयं की दिशा तय कर लेती है।

तुम्हारे आस-पास बहुत सी ऐसी घटनायें लगातार होते रहती हैं जिनका तुम्हें ध्यान नहीं रहता लेकिन वह सारी की सारी घटना तुम्हारे मनस पटल पर अंकित होती हैं और प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से तुम्हें प्रभावित करती हैं।

काम भावना भी ऊर्जा की दिशा का ही एक रूप है, जो अधिकांश मित्रों के जीवन में अनियंत्रित घटता है। या तो इस जीवन ऊर्जा का प्रयोग सजगता के साथ एक निश्चित दिशा में किया जाये या अनभिज्ञता से ऊर्जा का प्रवाह अनियंत्रित ही होने दिया जाये।

प्रकृति के हिसाब से मनुष्य इस ऊर्जा को नियंत्रित करने में पूर्णतया सक्षम हो सकता है।

एक इन्सान एक बार में किसी एक ही कार्य को परिपक्वता और तन्मयता से कर सकता है। उदाहरण के लिए खाते समय गा नहीं सकते और गाते समय खा नहीं सकते। ठीक उसी प्रकार तुम पाओगे जब तुम काम भावना से ओत-प्रोत हो जाते हो तो उस वक़्त तुम्हारे सारे काम अपनी प्राथमिकता खो देतें हैं। फिर जैसे ही भावना से वापस आते हो तुम्हें समय की परिस्थिति का एहसास होता है।

काम भावना को बहुत ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है। यह भावना ठीक वैसे ही है जैसे क्रोध आना, अहंकार का होना किसी के प्रति प्रेम या नफरत की भावना का उठना। काम की भावना से समाज के स्तर बनी नियमों के कारण तुम्हारे अन्दर कुंठा होने लगती है। क्रोध आदि से उठने वाली भावना से उत्पन्न होने को तुम ज्यादा महत्व नहीं देते हो।

कोई भी भावना हो या तो क्रोध की हो या काम की, अगर यह भावना अनियंत्रित है तो तुम्हारे लिए नुकसानदायक है। अगर तुम बहुत ध्यान पूर्वक देखोगे तो पाओगे जब तुम किसी भी भावना के नियंत्रण में चले जाते तो तुम्हारी साँसे और शरीर का बर्ताव भी उस क्षण के लिए बदल जाता है।

कुछ भावनाएं जैसे कि क्रोध, काम, लोभ आदि...जब इस तरह की भावनाएं उत्पन्न होती हैं तुम्हारे मन और शरीर दोनों अशान्त हो जाते हैं। जब भावना प्रेम, दया, दान की होती है तुम्हारा मन शान्त होता जाता है। इसलिये हर समाज और दर्शन में प्रेम,दया, दान जैसी भावनाओं का समर्थन किया जाता है।

आध्यात्मिक विकास वाले मनुष्यों में स्वयं ही दया, दान आदि भावनाओं का विकास होने लगता है।

अब तुम खुद ही तय कर सकते हो तुम्हारे लिए क्या उचित है और अपने जीवन में कैसी परिस्थिति को ज्यादा चाहते हो ?

अब प्रश्न है कि अशान्त करने वाली भावनाओं को रोका कैसे जाये?

नहीं, यह भावनाएं अचानक से रोकी नहीं जा सकती। अगर ऐसी भावनाओं को अर्थात क्रोध, काम, लोभ आदि भावनाओं को दबाते हो तो यह और प्रबल होकर वापस आती है। ऐसी भावनाओं के जड़ तक जाकर इसका उन्मूलन करना होगा।

मैंने शुरू में ही कहा कि यह उर्जा की एक दशा और दिशा है जो अनियंत्रित है। इसलिये तुम्हें तुम्हारे जीवन की पूरी दिनचर्या पर ध्यान रखना होगा, नियंत्रण रखना होगा। तुम ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकते कि सर्दी हटाने को दवा भी खाओ और साथ में आइस्क्रीम भी।

मनुष्य अपने मन और शरीर के स्तर पर होने वाली क्रिया प्रतिक्रिया को नियंत्रण कर सकता है, कुछ साधारण तरीके बता रहा हूँ अपने जीवन में उतार कर देखो परिवर्तन की शुरुआत हो जायेगी।

1. अपने दिनचर्या का पूर्णतया ध्यान रखो, कौन सी ऐसी घटना है जो तुम्हें अनियंत्रित या अशान्त करती है। ऐसी परिस्थिति, स्थान, व्यक्ति आदि से एक संयमित दूरी रखो
2. अपने भोजन की मात्रा और प्रकार पर ध्यान रखो, उदाहरणार्थ: मांसाहार तुम्हें दया की भावना से हमेशा थोड़ा सा दूर रखेगा
3. किस तरह का साहित्य अथवा सिनेमा देखते-पढ़ते हो
4. किस तरह के माहौल में उठते बैठते हो
5. दूसरे को देख कर जीना बन्द कर दो, शान्ति अपने लिए ढूंढ रहे हो दूसरे के लिए नहीं, हमेशा ध्यान रहे
6. ध्यान साधना का अभ्यास करो, ध्यान तुम्हें शान्त, संयमित और नियंत्रित रहना सिखाता है

काम की भावना आने से खुद को कुंठित नहीं करो बस अपने जीवन की ऊर्जा को नियंत्रित करो और एक अच्छी दिशा प्रदान करो। तुम्हारी संकल्प शक्ति और ध्यान साधना का अभ्यास तुम्हारे नियंत्रण के मुल स्तंभ हैं।

तुम्हारा जीवन शान्तिमय हो!!!

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