* अपना घर * *एक सब्जी की दुकान पर जहाँ से मैं अक्सर सब्जियाँ | स्वयं निर्माण योजना
* अपना घर *
*एक सब्जी की दुकान पर जहाँ से मैं अक्सर सब्जियाँ लेती हूँ जब मैं पहुँची तो सब्जी वाली फोन पर बात कर रही थी अत: कुछ क्षण रुकना ठीक समझा और उसने रुकने का संकेत भी किया तो रुक गयी और उसकी बात मेरे कान में भी पड़ रही थी।* https://t.me/yny24 *वह अपनी उस बेटी से बात कर रही थी जिसकी शादी तीन चार दिन पहले हुई थी।*
*वह कह रही थी "देखो बेटी" घर की याद आती है ठीक है लेकिन वह घर अब तुम्हारा है।तुम्हें अब अपना सारा ध्यान अपने घर के लिया लगाना है* *और बार बार फोन मत किया करो और छिपकर तो बिलकुल भी नहीं।*
*जब भी यहाँ फोन करो तो सास या पति के सामने ही करना।*
*तुम अपने फोन पर मेरे फोन का इंतजार कभी मत करना।*
*मुझे जब बात करनी होगी तो मैं तुम्हारी सास के नंबर पर लगाऊँगी।*
*तब तुम भी बात करना और बेटी अब ससुराल में हो जरा जरा सी बात पर तुनकना छोड़ दो सहनशक्ति रखो।*
*अपना घर कैसे चलाना है ये सब अपनी सास से सीखो।*
*एक बात ध्यान रखो इज्जत दोगी तब ही इज्जत पाओगी*
*ठीक है । सुखी रहो"*
*मैंने प्रशंसा के भाव में कहा "बहुत सुंदर समझाया आपने"*
*उसने कहा बहन माँ को बेटी के परिवार में अनावश्यक दखल नहीं देनी चाहिये।*
*उन्हें अपने घर की बातों को भी बिना मतलब इधर उधर नहीं करना चाहिये।*
*वहाँ हो तो समस्या का हल खुद ढूँढ़ो।*
*मैं उस देवी का मुँह देखती रह गयी। सभी माँ को इसी तरह से सोचना चाहिए ताकि बेटी अपने घर को खुद का घर समझे।*