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vikram silayach

टेलीग्राम चैनल का लोगो vikramsilayach — vikram silayach V
टेलीग्राम चैनल का लोगो vikramsilayach — vikram silayach
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श्रेणियाँ: शिक्षा
भाषा: हिंदी
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All Rajasthan competition exam

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नवीनतम संदेश

2023-03-27 05:34:20
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2023-03-26 15:16:14
सेट परीक्षा में 80% प्रश्न कवर

प्रश्न पेज सहित रात तक डाल दिए जाएंगे
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2023-03-26 12:39:29 कैसा रहा पेपर

उम्मीद है बेहतरीन गया होगा
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2023-03-26 06:03:32 11. रोमन इतिहास लेखन
प्रमुख इतिहासकार-
विक्टर- इनके द्वारा हिस्ट्रीज नामक पुस्तक की रचना की गई थी यह पहले रोमन इतिहासकार माने जाते हैं
केटो- इनके द्वारा सात भागों में origins नामक पुस्तक लिखी गई
लिवी- यह अगस्टस के दरबार में थे इनके द्वारा हिस्ट्री ऑफ रोम लिखी गई थी
टेसिटस- इनके द्वारा एनल्स व हिस्ट्री लिखी

12. यूनानी इतिहास लेखन

होमर-इन्होंने इलियड तथा ओडीसी नामक काव्यो की रचना की
हेरोडोटस- इन्हें इतिहास का पिता कहा जाता है
पोलिबियस
टोलमी
स्ट्रेबौ
प्लुटार्क
डायैडोरस

14.उतर आधुनिक- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप प्रबोधन युग का शुरुआत हुआ जिसमें प्रगतिशील विचारों पर बल दिया तथा दैवीय सिद्धांतों के स्थान पर विवेक की सत्ता को प्रधानता दी गई यह काल मुख्य रूप से 17 वी शताब्दी से 21 वी शताब्दी के मध्य का काल माना जाता है

15.फुकुयामा- End of history

इनके द्वारा शीतयुद्ध संघर्ष में साम्यवाद और पूंजीवाद संघर्ष में पूंजीवाद की विजय को उदार जनतंत्र की जीत बताया है और इसे इतिहास का लक्ष्य पूर्ण बताया है
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2023-03-26 06:03:32 इतिहास विषय में सेट परीक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

1.स्पेगंलर-Decline of the west नामक पुस्तक की रचना जिसमें उन्होंने संस्कृतियों का अध्ययन किया इस पुस्तक में निराशा वादी दृष्टिकोण तथा नियतिवाद की अवधारणा को शामिल किया गया है

प्रसिद्ध कथन

"इतिहास शाश्वत है जिसमें संस्कृति व सभ्यता तत्व हैं उनका उत्थान और पतन होता है"

"सभी संस्कृतियां अपने-अपने में भिन्न है और एक दूसरे पर प्रभाव नहीं डालती हैं"

इन्होंने कुल 9 संस्कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन किया था

स्पैंगलर ने रैखिय सिद्धांत के स्थान पर चक्रिय सिद्धांत का समर्थन किया तथा संस्कृति की चार अवस्थाएं बताई
1. बसंत अवस्था-यह धार्मिक चेतना का काल है उदाहरण के लिए भारत की वैदिक सभ्यता
2. ग्रीष्म ऋतु-यह संशय/ आत्म बोध तथा आलोचनात्मक समय का काल होता है जैसे भारत में उपनिषद काल
3. पतझड़-इसमें संस्कृति पूर्णता को प्राप्त करने की है तथा तार्किक दृष्टिकोण पर बल दिया जाता है जैसे भारत में बौद्ध दर्शन
4. शीत ऋतु-इसमें ज्ञान संप्रदाय का उद्भव, धार्मिक मान्यताओं का खंडन तथा एक तरह से यह संस्कृति के समाप्ति का लक्षण है

2.टोयनबी

‌A study of history अर्नाल्ड टायनबी की महत्वपूर्ण कृति है
East and west इनकी अन्य रचना है, टायनबी ने सभ्यता का विस्तार पूरे महाद्वीप में मरना है इनके इतिहास दर्शन का आधार सभ्यता ही है इस अवधारणा को इन्होंने महाद्वीपीय अवधारणा या राष्ट्रीय राज्य के धारणा की संज्ञा दी है इनका मानना है कि प्रत्येक सभ्यता का विकास तथा पतन होता है जिसमें चुनौती व प्रतिक्रिया का सिद्धांत चलता है चुनौती एक प्रश्न होती है तथा प्रतिक्रिया एक समाधान अगर प्रतिक्रिया सफल है तो विकास संभव अन्यथा सभ्यता का पतन हो जाता है

3.हेरोडोटस-इन्हे इतिहास का पिता कहा जाता है इनके द्वारा हिस्टोरिका नामक पुस्तक लिखी गई थी हालांकि सिसरो ने इसे इतिहास का सबसे झूठा व्यक्ति भी कहा है हेरोडोटस नियमित रूप से इतिहास लिखने का प्रयास किया था हालांकि इनके द्वारा कुछ उटपटांग विवरण भी दिया है जैसे स्ट्रेबो लिखता है इनका मानना था कि इथोपिया के लोगों का वीर्य काला होता है मिस्र की बिलिया आग में कूद जाती है ऑल्पस पर एक नदी है

4.हीगल-इन के द्वारा लेक्चर ऑन द फिलोसोफी ऑफ हिस्ट्री नामक पुस्तक की रचना की गई थी इनको विचार वादी या आदर्शवादी माना जाता है हीगल को परिकल्पनात्मक दर्शन का पिता कहा जाता है हीगल इतिहासवाद के प्रणेता थे ईगल का कथन है इतिहासवाद एक ज्ञान है

5. विश्लेषणात्मक इतिहास दर्शन- विश्लेषणात्मक इतिहास दर्शन में सार्वभौमिक व्याख्या ,सत्य का अन्वेषण, ऐतिहासिक तथ्यों में स्पष्टता आधुनिकता तथा ऐतिहासिक तथ्यों का सार युक्त तथा सटीक विश्लेषण किया जाता है इस दर्शन की मान्यता है कि वैज्ञानिक अध्ययन के द्वारा ही सत्य का अन्वेषण किया जा सकता है तथा इतिहास के समक्ष जो समस्याएं हैं इन समस्याओं का वैज्ञानिक आधार पर समाधान करना चाहिए

6. समस्त इतिहास समसामयिक होता है -क्रोचे(इनकी पुस्तक History its theory and practice)
समस्त इतिहास विचारों का इतिहास है -कोलिंगवुड (इनकी पुस्तक The idea of history)

7. साहित्यिक स्रोत

प्राथमिक स्रोत-घटित घटना के समय का वर्णन इसमें तात्कालिक रूप से प्रत्यक्ष दर्शी का वर्णन शामिल होता है इसमें मुख्य रूप से आत्मकथाएं ,निजी पत्रावली ,डायरी, संग्रहालय में फोटो, राजकीय आदेश, गोपनीय प्रतिवेदन, सार्वजनिक प्रतिवेदन वगैरह शामिल होते हैं

द्वितीयक स्रोत-प्राथमिक स्रोतों के आधार पर जो लिखा जाता है जैसे संदर्भ पुस्तके ,शोध पत्रिकाएं

तृतीयक स्रोत-प्राथमिक तथा द्वितीयक स्रोत के आधार पर जैसे विकिपीडिया ,डिक्शनरी ,शोध पत्र की सूची, पंचांग

8. ऐतिहासिक वस्तुनिष्ठता- ऐसा इतिहास जिसमें निष्पक्षता शामिल होती है जैसे रांके ने लिखा है जैसे घटित हुआ वैसा ही प्रस्तुत करना ऐतिहासिक वस्तुनिष्ठता है

भारतीय परिप्रेक्ष्य में आर सी मजूमदार ने लिखा है हिंदू ,मुस्लिम और अंग्रेज इतिहासकार नहीं हो सकता

9. इतिहास में कारण-
E. H. कार के अनुसार "इतिहास का अध्ययन कारणों का अध्ययन है,"

E.H. कार एक अन्य महत्वपूर्ण कथन इतिहास कम या अधिक संयोगो का अध्ययन है

अरस्तु ने सर्वप्रथम कार्य करण सिद्धांत दिया था

10. मार्क्सवादी इतिहास लेखन- मार्क्सवादी इतिहास लेखक राजनीतिक पक्ष की बजाय तत्कालीन सामाजिक आर्थिक इतिहास लेखन पर जोर देते हैं

प्रमुख मार्क्सवादी इतिहासकार
१R.S. शर्मा
प्रमुख पुस्तकें- शुद्राज इन एसियंट इंडिया, इंडियन फ्युडिलीज्म
२. रोमिला थापर- इनके द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तकें अशोका एंड डिक्लाइन ऑफ मोर्याज तथा हिस्ट्री ऑफ इंडिया है
३. विपिन चंद्र- द राइज एंड ग्रोथ ऑफ़ इकोनामिक नेशनलिज्म इन इंडिया
४. इरफान हबीब- प्रॉब्लम ऑफ मार्क्सिस्ट हिस्ट्रियोग्राफी
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2023-03-25 17:01:22 सेट अभ्यर्थियों को कल पेपर के लिए हार्दिक शुभकामनाएं

आप धैर्य के साथ बिना किसी दबाव के पेपर हल करें
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2023-03-24 20:02:22 इतिहास श्रखंला सीरीज

19 वी शताब्दी मे प्रेस और शिक्षा का विकास

1. समाचार पत्रों पर सेंसरशिप जिसके तहत समाचार पत्र के संपादक ,मुद्रक और स्वामी का नाम स्पष्ट रूप से स्थापना अनिवार्य कर दिया गया था
उतर- लार्ड वैलेजली
नोट- लॉर्ड वेलेजली 1799 में प्रेस सेंसरशिप एक्ट पारित करके भारतीय समाचार पत्रों पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रयत्न किया ,जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने बंगाल गजट नाम से अंग्रेजी में प्रथम समाचार पत्र प्रकाशित किया

लॉर्ड एडम्स 1923 के अनुज्ञप्ति नियम (the licensing Regulations of 1923) से सम्बन्धित है जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि मुद्रक तथा प्रकाशक को मुद्रणालय स्थापित करने के लिये अनुज्ञप्ति (License) लेना होगा। ऐसा न करने पर 400 रुपये जुर्माना अथवा दण्ड का प्रावधान किया गया था

2. किस समाचार पत्र में लॉर्ड लिटन के वर्नाकुलर प्रेस एक्ट का समर्थन किया था
उतर- पायनियर
नोट- लॉर्ड लिटन का वर्नाकुलर प्रेस एक्ट 13 मार्च 1878 को लागू हुआ था जिसके तहत भारतीय भाषा में समाचार पत्रों को अंग्रेजों की आलोचना करने पर प्रतिबंध लगा दिया था यह सर्वप्रथम ईश्वर चंद्र विद्यासागर के सोमप्रकाश नामक समाचार पत्र के विरुद्ध लागू हुआ , भारत मिहिर अन्य समाचार पत्र था जिनकी विरुद्द यह लागू हुआ था मोतीलाल घोष द्वारा संपादित अमृत बाजार पत्रिका इससे बचने के लिए रातों-रात अंग्रेजी में तब्दील हो गया था पायनियर एकमात्र ऐसा समाचार पत्र था जिस पर अंग्रेजों की कृपा दृष्टि थी और उन्होंने इस एक्ट का समर्थन किया था

3. निम्नलिखित में से किस वर्ष राजद्रोह से संबंधित घृणित धारा 124-ए को एक्ट XXVII के माध्यम से भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया
उतर- 1870
नोट- वहाबी आंदोलन के समय राजद्रोही लेखों से निपटने के लिए यह धारा जोड़ी गई थी

4. हंटर शिक्षा आयोग का गठन किस गवर्नर जनरल के समय हुआ था
उतर- लार्ड रिपन
नोट- हन्टर शिक्षा आयोग की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में लॉर्ड रिपन (1880-1884 ई.) द्वारा 1882 ई. में की गई थी। चार्ल्स वुड के घोषणा पत्र द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए सरकार ने विलियम विलसन हन्टर की अध्यक्षता में इस आयोग की नियुक्ति की थी। इस आयोग में आठ भारतीय सदस्य भी थे। 'हन्टर शिक्षा आयोग' को प्राथमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा की समीक्षा तक ही सीमित कर दिया गया था

5. "भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा" कहा जाता है
उतर- वुड डिस्पैच एक्ट
नुट- भारतीय शिक्षा पर 1854 को वुड के घोषणा पत्र ( डिस्पैच ) बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के प्रधान चार्ल्स वुड ने 19 जुलाई , 1854 को एक व्यापक योजना प्रस्तुत की जिसे वुड का डिस्पैच कहा गया ,100 अनुच्छेदों वाले इस प्रस्ताव में शिक्षा का उद्देश्य , माध्यम एवं सुधारों आदि पर विचार किया गया ,इस घोषणा पत्र को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा भी कहा जाता है प्रस्ताव में पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार को सरकार ने अपना उद्देश्य बना ,इसमें अंग्रेजी शासन द्वारा भारत के भावी शिक्षा व्यवस्था की वृहद योजना की रूपरेखा तैयार की गई, इसी की सिफारिश पर मुंबई कोलकाता मद्रास में विश्वविद्यालय खोले गए

6.भारतीय पत्रकारिता का राजकुमार किसे कहा गया है ?
उतर- क्रिस्टोदास पाल
नोट- राष्ट्रीय प्रेस स्थापित करने का श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है

7. किसने समाचार-पत्र मे लिखा -''भारत मे कोई भी वस्तु कर से नही बची है, यहा तक कि पेड़ो के पत्तों पर भी कर लगा दिये गये है??
उतर- बाल गंगाधर तिलक
नोट- बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रेजी भाषा में मराठा तथा मराठी भाषा में केसरी समाचार पत्र निकाला था

8. हिंदी भाषा का प्रथम समाचार पत्र कौन सा था
उतर- उदन्त मार्तण्ड
नोट- उदन्त मार्तण्ड हिंदी का प्रथम समाचार पत्र था ,इसका प्रकाशन तीस मई 1826 ई. में कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था कलकत्ता के कोलू टोला नामक मोहल्ले की 37 नंबर आमड़तल्ला गली से जुगलकिशोर शुक्ल ने ने इसे शुरू किया था

9. अल हिलाल समाचार पत्र का संपादन किसने किया था
नोट- अबुल कलाम आजाद
नोट- 1912 में इनके द्वारा अलहिलाल नामक समाचार पत्र का संपादन किया गया वहीं इनकी प्रसिद्ध कृति का नाम गुब्बार ए खातिर है इनकी प्रारंभिक शिक्षा मित्र की राजधानी काहिरा के अजहर विश्वविद्यालय में हुई थी 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ही इनको बांकुडा जेल में रखा गया था इंडिया विंस फ्रीडम नामक पुस्तक में इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का प्रत्यक्ष रूप से वर्णन किया है

10.मिरातुल अखबार किसका था
उतर- राजाराममोहन राय
नोट- जान एडम्स ने प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया था इसके कारण राजा राममोहन राय को मिरातुल अखबार को बंद करना पडा़
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2023-03-24 19:58:16 1731 मे वारना की संधि के तहत शंभा जी द्वितीय ने बाजीराव पेशवा स्वीकार कर लिया
भोपाल युद्ध में निजाम को पराजित कर उसे दुरई सराय संधि के तहत मराठों को चंबल और मालवा का क्षेत्र मिल गया निजाम के उत्तराधिकारी नासिर जंग को दोबारा 1740 में पराजित कर उसे मूंगी पैठन की संधि के लिए विवश किया
1739 मे बसीन की संधि पुर्तगालियों के साथ की जिसमें जमुना जी के नेतृत्व में पुर्तगाली को पराजित किया था

9. पानीपत का तृतीय युद्ध कब लड़ा गया था
उतर- 14 जनवरी 1761
नोट- पानीपत का तृतीय युद्ध 14 जनवरी 1761 को अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच लड़ा गया था उस समय मराठा पेशवा बालाजी बाजीराव था तथा युद्ध का नेतृत्व सदाशिवराव भाऊ के द्वारा किया गया
इस युद्ध में मराठा तोपखाने का नेतृत्व इब्राहिम गार्दी ने किया वही इमादुमुल्क जो मुगल वजीर था इन्होंने भी मराठों का समर्थन किया था
" दो मोती विलीन हो गए 22 सोने की मुहरे लुप्त हो गई और चांदी तथा तांबे की तो पूरी गणना ही नहीं की जा सकती" इन्हीं पंक्तियों के माध्यम से एक व्यापारी ने बालाजी बाजीराव को पानीपत के युद्ध के परिणाम के बारे में बताया था जदुनाथ सरकार ने लिखा है कि महाराष्ट्र में संभवत कोई ऐसा परिवार न था जिसने कोई न कोई संबंध नहीं खोया हो तथा कुछ परिवारों का तो सर्वनाश हो गया
काशीराज पंडित ने इस युद्ध का आंखों देखा हाल लिखा है
इस युद्ध हार का कारण मराठों की सुझबुझ का अभाव था जैसे मराठे ठंड मे लडने के लिए आदी नहीं थे वही अहमद शाह अब्दाली की सेना इसके लिए अभयस्त थी
तत्कालीन जाट शासक सूरजमल ने उन्हें इसका इतजार करने के लिए कहा था
सूरजमल ने सदाशिव राव भाऊ को परामर्श दिया कि वह स्त्रियां तथा बच्चों जो सैनिकों के साथ थे तथा भारी तोपों और अन्य ऐश्वर्य की सामग्री झांसी अथवा ग्वालियर में ही छोड़ जाए परंतु उन्होंने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया
सूरजमल ने मराठों को परंपरागत युद्ध पद्धति में ही लड़ने के लिए कहा लेकिन मराठा सरदारों के परस्पर द्वेष के कारण उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया जैसा कि सदाशिव राव भाऊ मल्हार राव होलकर को एक व्यर्थ वृद्ध पुरुष समझता था और मल्हार राव होलकर ने भी क्रुद्ध होकर युद्ध से पूर्व कहा था कि यदि शत्रु इस पुणे के ब्राह्मण को नीचा नहीं दिखाएगा तो हम से तथा अन्य मराठा सरदारों से ये लोग कपड़े धुल जाएंगे
इसी प्रकार मराठों की लूटमार निती ने उत्तरी भारत में उनके लिए दुशमन खडे कर दिए जिसका उदाहरण 17 जुलाई 1734 को हुरडा सम्मेलन में देख सकते हैं कि किस प्रकार समस्त राजपूतों ने एकत्र होकर मराठों के आक्रमणों को रोकने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया हालांकि यह असफल रहा था
इस प्रकार कहा जा सकता है कि मराठों ने सूरजमल की सलाह को न मानकर पराजय अपनी झोली में डाल ली जिसका प्रत्यक्ष फायदा अंग्रेजों को मिला और भारत में उनका मुकाबला करने वाली कोई शक्ति नहीं रही

10. शिवाजी के अष्टप्रधान

1. पेशवा – यह अष्ट प्रधान में सर्वोच्च पद था यह राजा और राज्य का प्रधानमंत्री था
2. अमात्य या मजूमदार – यह राज्य की आय-व्यय का लेखा-जोखा रखता था
3.वकयानवीस – यह सूचना, गुप्तचर एवं संधि विग्रह के विभागों का अध्यक्ष होता था
4.चिटनीस – यह राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखता था
5. सुमन्त– यह विदेशी मामलों का प्रभारी था
6. सेनापति या सर-ए-नौबत – सैनिक प्रधान, यह सेना की भर्ती संगठन रसद आदि के प्रबंधन का कार्य संभालता था
7.पंडित राव – यह विद्वानों एवं धार्मिक कार्यों के लिए दिए जाने वाले अनुदानों का दायित्व संभालता था

8.न्यायधीश – यह मुख्य न्यायधीश होता था
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2023-03-24 19:58:16 मराठा

1. किस युद्ध में शिवाजी ने मुगलों को पराजित किया था
उतर- सलेहर
नोट- 1672 मे सलेहर के युद्द में शिवाजी के पेशवा मोरोपंत त्रय्बकं पिगंले ने दक्षिण के मुगल सूबेदार बहादुर खां तथा गुजरात की संयुक्त सेना को पराजित किया था
24 जून 1665 को पुरंदर की संधि जो मिर्जा राजा जयसिंह के साथ हुई थी और इसमें मनुची भी मौजूद था के पश्चात आगरा में जयपुर महल से अपने स्थान पर हमशकल हिरोजी को लिटा कर अपनी राजधानी रायगढ़ के लिए निकल गए थे शिवाजी और 1668 में औरंगजेब ने राजा की उपाधि प्रदान की
1674 मे काशी के प्रसिद्ध विद्वान गंगा भट्ट ने राजधानी रायगढ़ में राज्य अभिषेक करवाया जिसमें अंग्रेज ओक्सडेन भी उपस्थित था इनका दूसरा राज्याभिषेक निश्चल पुरी गोस्वामी ने करवाया था
दरिया सारंग के नेतृत्व मे कोलाबा मे नौ सेना बेडे का गठन किया था ओर 1679 मे दंतो जी पंत के नेतृत्व में भू सर्वेक्षण करवाया था
अपना राज्य चार प्रांतों में विभाजित किया जिसमें उत्तरी प्रांत का नेतृत्व मोरोपंत त्रयबंक पिगंले , दक्षिण का अन्नाजी दत्तो, दक्षिणी पूर्वी का दंतोजी पंत थे
1659 में बीजापुर के सेनापति अफजल खान ने कृष्ण जी भास्कर को और शिवाजी ने गोपीनाथ दत भेजे थे जिसमें बाद में शिवाजी ने अफजल खान का वध कर दिया था

2.वह व्यक्ति जिसने शिवाजी को औरंगज़ेब के कैद में जयपुर महल से बाहर निकलने में मदद की थी??
उतर- हिरोजी फर्जंद
नोट- देवगढ के निकट मराठा योद्धा मालो जी भोंसले का ठिकाना था मालो जी के पुत्र नहीं था, इससे दुखी हो कर मालो जी ने अपनी परेशानी मुस्लिम फकीर शाह शरीफ को बताई तो शाह शरीफ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया
समय बितने पर,मालो जी की पत्नी ने दो पुत्रों को जन्म दिया अहसानमंद मालो जी ने शाह शरीफ के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए अपने पुत्रों का नाम उनके नाम के अनुरूप शाह जी एवं शरीफ जी रखा

इतिहास साक्षी है कि शिवाजी इन्हीं शाह जी भोंसले के ज्येष्ठ पुत्र थे

मुल्ला हैदर- यह शिवाजी का विश्वसनीय राष्ट्र सचिव था

मदारी मेहतर- औरंगजेब ने जब शिवाजी को आगरा में कैद कर लिया था तब इसी व्यक्ति की सहायता से शिवाजी आगरा से निकलकर रायगढ़ पहुंचे थे

इब्राहिम गार्दी - पानीपत के तृतीय युद्ध में मराठा सेना के तोपखाने का नेतृत्व इसी के द्वारा किया गया था

3.मैं शिवाजी को हिन्दू प्रजाति का अंतिम रचनात्मक प्रतिभा- सम्पन्न व्यक्ति और राष्ट्र निर्माता मानता हूँ। किसने कहा?
उतर- जदुनाथ सरकार

4. शिवाजी द्वारा सूरत की प्रथम लूट कब की गई थी
उतर- 1664
नोट- शिवाजी द्वारा सूरत की प्रथम लूट के समय ईस्ट इंडिया कम्पनी का सूरत का गवर्नर जाॅर्ज आक्सिडेंन था

5. शिवाजी ने अपने स्वराज को मुख्य रूप से कितने भागों में बांटा
उतर- तीन

नोट-शिवाजी ने अपनी स्वराज को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा इसमें उत्तरी प्रांत का नेतृत्व में पेशवा मोरोपंत पिंगले के नियंत्रण में था वहीं दक्षिणी प्रांत अन्ना जी दंतोऔर दक्षिणी पूर्वी प्रांत दंताजी पंत के नियंत्रण में था

यहां इस तथ्य को लेकर करना प्रासंगिक होगा कि शिवाजी ने सामरिक रूप से मजबूती के लिए अपने पास 250 के लिए रखे थे जिनका प्रशासन प्रत्येक के लिए होती तिहरे नियंत्रण में रखा गया जिसमें ब्राह्मण ,एक मराठा और एक कुनढी होता था ब्राह्मण नागरिक और राजस्व प्रशासन देखते थे और शेष दो सैन्य संचालन देते थे

6. शिवाजी के प्रशासन में घुड़सवार सेना को किस नाम से जाना जाता था
उतर- पागा
नोट इसमे दो प्रकार के सैनिक होते थे
बरगीर - वह मराठा घुड़सवार सैनिक जिन्हें राज्य की और से घोड़े प्रदान किए जाते थे।
सिलेदार- वह मराठा घुड़सवार सैनिक जिनके खुद के घोड़े होते थे

7. पेशवा वंश की स्थापना किसने की थी
उतर- बालाजी विश्वनाथ
नोट- प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ था जिन्होंने 1719 में सेयद बंधुओं के साथ मिलकर दिल्ली की संधि की थी जिसके तहत फर्रूखसियर के स्थान पर रफी दर जात को गद्दी पर बिठाया गया और साहू को दक्षिण का शासक मान लिया गया उन्हें दक्षिण में चौथ और सरदेशमुखी वसूलने का अधिकार दिया गया इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाला शासक रफी दर जात था
इस संधि को रिचर्ड टेंपल ने मराठों का मैग्नाकार्टा कहा था

8. हमें वृक्ष के तने पर प्रहार करना चाहिए शाखाएं तो स्वयं गिर जाएंगे यह कथन किसका है
उतर- बाजीराव प्रथम
नोट- हमे वृक्ष के तने पर प्रहार करना चाहिए शाखाएं तो स्वंय गिर जाएंगी
बाजीराव प्रथम का यह कथन मुगल साम्राज्य के ताश की तरह बिखरते साम्राज्य के बारे में कहे थे उन्होंने 1728 में पालखेड़ा के युद्ध में हैदराबाद के निजाम को पराजित किया और मुंशी शिव गांव की संधि की
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2023-03-24 19:57:10 भारतीय पुनर्जागरण

1- राजारामोहन राय को भारतीय राष्ट्रवाद का जनक व अगर्दूत किसने कहा?
उतर- पट्टाभिसिता रमैया
नोट- राजा राममोहन राय के द्वारा 1815 में आत्मीय सभा की स्थापना की गई थी और 20 अगस्त 1828 को ब्रह्म समाज की स्थापना की गई
2- राजा राम मोहन राय को राजा व राम की उपाधि किसने दी ?
उतर- राजा- अकबर 2
- राम- पिता ने
नोट- अकबर द्वितीय ने ही इनको अपनी पेंशन से संबंधित बातचीत करने के लिए इंग्लैंड भेजा था और बाद में वही पर ब्रिस्टल में 1833 में इनकी मृत्यु हो गई
3- " स्वामी विवेकानंद के धर्म राष्ट्रीयता को बढावा देने वाला धर्म है" किसने कहा ?
उतर-सुभाष बोस
नोट- स्वामी विवेकानंद को सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रीय आंदोलन का आध्यात्मिक पिता कहा
4- " एक बार इस हिंदू संन्यासी को देख लेने के पश्चात उसे तथा उसके संदेश को भूला देना कठिन है"
किसने किसके बारे मे कहा है?
- नेहरू ने स्वामी विवेकानंद के बारे मे
5- रवींद्र नाथ टैगोर ने किसे सर्जन की प्रतिभा कहा?
उतर-स्वामी विवेकानंद
नोट- रविंद्र नाथ टैगोर ने स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा था कि अगर कोई भारत को समझना चाहता है तो उसे विवेकानंद को पढ़ना चाहिए
6. आर्य समाज की स्थापना किसके द्वारा कब और कहां की गई
उतर- स्वामी दंयानद के द्वारा 10 अप्रैल 1875 को मुंबई में
7. सती प्रथा विरोधी कानून कब पारित हुआ था
उतर-4 दिसंबर 1829
नोट- तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक ने नियम 17 के तहत इस प्रथा को अवैध घोषित किया था
8. स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपनी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश का अंतिम संकलन कहां किया था
उतर-उदयपुर नवलखा भंडार
नोट- नवलखा झील जहां उदयपुर में है वही नवलखा दरवाजा रणथंबोर में ह
9. स्वामी दयानंद सरस्वती ने किसकी सलाह पर संस्कृत के स्थान पर हिंदी भाषा का प्रयोग करना शुरू कर दिया था
उतर-केशवचन्द्र सेन
नोट-केशव चन्द्र सेन जो एक प्रसिद्ध धार्मिक व सामाजिक सुधारक जिन्होंने ब्रह्म समाज से अलग होकर 1865 में इंडियन ब्रह्म समाज की स्थापना की
केशव चंद्र सेन और उनके अन्य सहयोगी विवाह के लिए एक न्यूनतम आयु का प्रचार करते थे लेकिन 1878 मे इन्होने अपनी 13 वर्षीय पुत्री का विवाह कुच बिहार के राजा के साथ इस आधार पर कर दिया
10. रामकृष्ण मिशन की स्थापना कब हुई थी
उतर- 5 मई 1897
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