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विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस • प्रतिवर्ष 17 अप्रैल को सम्पूर्ण विश्व | Utkarsh Ramsnehi Gurukul

विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस
• प्रतिवर्ष 17 अप्रैल को सम्पूर्ण विश्व में ‘विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
• ‘हीमोफ़ीलिया’ के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ष 1989 से इस दिवस की शुरुआत की गई तथा इसी वर्ष से ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफ़ीलिया’ (WFH) के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल के जन्म दिवस 17 अप्रैल के दिन ‘विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस’ मनाया जाता है।
• वर्ष 2023 के लिए इस दिवस की थीम “सभी के लिए पहुँच : देखभाल के वैश्विक मानक के रूप में रक्तस्राव की रोकथाम” है।
• हीमोफ़ीलिया रोग का पता सर्वप्रथम उस वक्त लगा, जब ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के वंशज एक के बाद एक इस बीमारी की चपेट में आने लगे। शाही परिवार के कई सदस्यों के हीमोफ़ीलिया से पीड़ित होने के कारण ही इसे ‘शाही बीमारी’ कहा जाने लगा था।
• इस रोग से पीड़ित मनुष्यों में रुधिर का स्कंदन (Clotting) बनाने वाले कारक का अभाव होता है। इसके फलस्वरूप ऐसे मनुष्य को यदि एक छोटा घाव भी हो जाता है तो उससे लगातार रुधिर बहता जाता है और अंत में उसकी मृत्यु हो जाती है।
• शरीर पर कोई जख्म होने पर खून का 5-7 मिनट तक बहना और अधिक देरी तक बन्द न होना उसे हीमोफ़ीलिया कहा जाता है।