डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ● डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 | Utkarsh Ramsnehi Gurukul
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
● डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर, 1888 को तिरुतनी ग्राम, तमिलनाडु में हुआ।
● इनके पिता का नाम एस. वीरासमियाह व माता का नाम एस. शिवकाम्मा था।
● डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक दर्शन शास्त्री, भारतीय संस्कृति के संवाहक थे।
● इनका जन्मदिवस प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है जिसकी शुरुआत 5 सितम्बर, 1962 से हुई।
● मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से अध्यापन का कार्य शुरू करने वाले राधाकृष्णन आगे चलकर मैसूर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने तथा कालांतर में देश के कई विश्वविद्यालयों में शिक्षण का कार्य किया।
● इन्हें वर्ष 1938 में ब्रिटिश अकादमी के ‘सभासद’ के रूप में नियुक्त किया गया।
● वर्ष 1939-48 तक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (B. H. U.) के कुलपति रहे।
● इन्हें वर्ष 1961 में जर्मन बुक ट्रेड के ‘शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
● डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति (1952-62) और दूसरे राष्ट्रपति (1962-67) रहे थे।
● इनको साहित्य अकादमी द्वारा उनका सभासद बनने का सम्मान 1968 में दिया गया।
● वर्ष 1954 में इनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
● इनकी महत्त्वपूर्ण पुस्तकें – ‘द एथिक्स ऑफ वेदांत’, ‘द फिलासॉफी ऑफ रवीन्द्रनाथ टैगोर’, ‘माई सर्च फॉर ट्रूथ’, ‘द रेन ऑफ कंटेम्पररी फिलासॉफी’ आदि हैं।
● कालांतर में इन्हें संविधान निर्मात्री सभा का सदस्य भी चुना गया था।
● डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पुत्र एस. गोपाल ने वर्ष 1989 में उनकी जीवनी का प्रकाशन किया।
● डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का 17 अप्रैल, 1975 को चेन्नई में निधन हो गया।