Get Mystery Box with random crypto!

E - Books , Quiz & CA™

टेलीग्राम चैनल का लोगो upsc_prelims_quizss — E - Books , Quiz & CA™ E
टेलीग्राम चैनल का लोगो upsc_prelims_quizss — E - Books , Quiz & CA™
चैनल का पता: @upsc_prelims_quizss
श्रेणियाँ: शिक्षा
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 322.24K
चैनल से विवरण

> 𝐀𝐝𝐬/𝐐𝐮𝐞𝐫𝐲/𝐅𝐨𝐫 𝐏𝐚𝐢𝐝 𝐏𝐫𝐨𝐌𝐨𝐭𝐢𝐨𝐧-
' 𝐂𝐨𝐧𝐭𝐚𝐜𝐭 𝐀𝐝𝐦𝐢𝐧' 👉 @Mahesh8130
.

Ratings & Reviews

3.50

2 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

0

4 stars

1

3 stars

1

2 stars

0

1 stars

0


नवीनतम संदेश 375

2022-05-12 17:55:10 अंतिम अवसर लिंक पर क्लिक करके सभी छात्र फटाफट कोर्स को Enroll कर लें Registration Now Hurry Up guys......
2.8K views14:55
ओपन / कमेंट
2022-05-12 17:32:57
IAS PRELIMS 2022

All India PT Mock-3 Test (OMR Based) in UPSC Simulation Environment will be held on 21st May

"Get realtime feel of Civil Services Prelims Examination at the Test Centers in Schools" Across 22 Cities

Enroll now at

https://bit.ly/36tfqt3

https://bit.ly/36tfqt3
3.1K views14:32
ओपन / कमेंट
2022-05-12 16:36:01 भाग:- 2

4. दोनों देशों के मध्य यह विवाद , मुख्य रूप से काली नदी के उद्गम स्थल और पहाड़ों से होकर बहने वाली इसकी कई सहायक नदियों की अलग - अलग व्याख्या के कारण है ।

5. काली नदी के पूर्व में स्थित क्षेत्र पर नेपाल का दावा , नदी के लिंपियाधुरा उद्गम पर आधारित है , जबकि भारत का कहना है , कि नदी वास्तव में कालापानी के पास निकलती है और इसीलिए इसका नाम काली पड़ा है ।

✓भारत का लिपुलेख ( Lipulekh ) पर नियंत्रण :-

• 1962 के युद्ध में तिब्बती पठार से लगे हिमालयी दरों का महत्व भलीभांति स्पष्ट हो गया था ।

• उस युद्ध के दौरान , चीनी सेना ने तवांग में स्थित से ला ' ( Se La ) दरें का इस्तेमाल किया और पूर्व में ब्रह्मपुत्र के मैदानों तक पहुंच गई थी ।

• पूर्व में सैन्य हार ने स्पष्ट रूप से प्रदर्शित कर दिया कि , ' अपर्याप्त रूप से सुरक्षित दरें चीन के खिलाफ भारतीय सैन्य तैयारियों की एक बड़ी कमजोरी थे ।

• ' से ला ' दर्रा जिसकी कुछ हद तक किलेबंदी भी की गयी थी की तुलना में लिपुलेख ' दर्रा एकदम असुरक्षित था ।

• इसे देखते हुए , नेपाली राजा महेंद्र ने दिल्ली के साथ एक समझौता किया और इस क्षेत्र को सुरक्षा उद्देश्यों के लिए भारत को सौंप दिया ।

• 1969 में द्विपक्षीय वार्ता के तहत ' कालापानी को छोड़कर सभी चौकियों को हटा दिया गया था ।


✓ नेपाल और भारत ने कहां चूक की है ?

भारत और चीन के बीच 2015 के लिपुलेख समझौते जिसके तहत भारत के मानसरोवर तीर्थयात्रा संबंधों को नवीनीकृत किया गया था के दौरान भारत और चीन ने नेपाल की चिंताओं को स्पष्ट रूप से अनदेखा कर दिया था ।

• तीर्थयात्रा और तिब्बत में व्यापार को बढ़ावा देने वाले इस समझौते से पहले भारत या चीन , किसी भी पक्ष ने नेपाल से कोई परामर्श अथवा राय नहीं ली ।

वर्तमान स्थितिः

•कुछ समय पूर्व , नेपाल द्वारा संशोधित आधिकारिक नक्शा प्रकाशित किया गया था , जिसमे काली नदी के उद्गम स्रोत लिंपियाधुरा से लेकर त्रिकोणीय क्षेत्र के उत्तर - पूर्व में कालापानी और लिपुलेख दरें तक के क्षेत्र को अपने क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है ।

• पिछले साल प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मानचित्र को संवैधानिक दर्जा देने के लिए संविधान संशोधन प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया था ।

• भारतीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि नेपाल सरकार का यह कदम कालापानी मुद्दे पर भविष्य में किसी भी समाधान को लगभग असंभव बना सकता है , क्योंकि इस प्रस्ताव को संवैधानिक गारंटी मिलने से इस विषय पर ' काठमांडू ' की स्थिति दृढ़ हो जाएगी ।
3.4K views13:36
ओपन / कमेंट
2022-05-12 16:35:50 भाग :- 1

भारत और नेपाल सीमा विवाद ( India and Nepal Border Dispute )

संदर्भ : -

● भारत और नेपाल द्वारा हाल ही में , दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बैठक में ' कालापानी सीमा विवाद ' ( Kalapani border dispute ) पर चर्चा की गयी ।

• भारत ने नेपाल से सीमा विवाद का राजनीतिकरण किए जाने से बचने का भी आग्रह किया है ।

✓ पृष्ठभूमि :-

नवंबर 2019 में , भारत के संशोधित राजनीतिक मानचित्र में ' कालापानी लिपुलेक लिंपियाधुरा के त्रिकोणीय क्षेत्र को उत्तराखंड के क्षेत्र के भीतर दर्शाया जाने के पश्चात् उत्पन्न कालापानी सीमा विवाद के बाद , नेपाल के नेता की यह पहली भारत यात्रा है ।


✓ ' कालापानी ' की अवस्थितिः-

' कालापानी ' ( Kalapani ) , उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के पूर्वी छोर पर स्थित है ।

• यह , उत्तर में चीन के अधीन तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के साथ तथा पूर्व और दक्षिण में नेपाल के साथ सीमा बनाता है । में

• यह लिंपियाधुरा ( Limpiyadhura ) लिपुलेख और कालापानी के बीच में स्थित है ।

• ' कालापानी क्षेत्र नेपाल और भारत के बीच सबसे बड़ा क्षेत्रीय विवाद है । इस क्षेत्र के अंतर्गत उच्च हिमालय में कम से कम 37,000 हेक्टेयर भूमि शामिल है ।

✓ ' कालापानी क्षेत्र ' पर नियंत्रण :-

यह क्षेत्र भारत के नियंत्रण में है लेकिन नेपाल ऐतिहासिक और मानचित्रक ( कार्टोग्राफिक ) कारणों से इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है ।

✓ विवाद की वजह ' कालापानी क्षेत्र का नाम इससे होकर बहने वाली ' काली नदी ' के नाम पर पड़ा है । इस क्षेत्र पर नेपाल का दावा इसी नदी पर आधारित है । 1814-16 में हुए गोरखा युद्ध ' / ' एंग्लो - नेपान युद्ध के पश्चात् काठमांडू के गोरखा शासकों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हस्ताक्षरित ' सुगौली की संधि ' में काली नदी ' को नेपाल की सीमा के रूप में निर्धारित किया गया था । सन् 1816 में संधि की पुष्टि की गई ।

• संधि के अंतर्गत , नेपाल को पश्चिम में कुमाऊं गडवाल और पूर्व में सिक्किम के अपने क्षेत्रों को खोना पड़ा था ।

• संधि के अनुच्छेद 5 के अनुसार , नेपाल के राजा ने काली नदी के पश्चिम में स्थित क्षेत्र पर अपना दावा छोड़ दिया । काली नदी , उच्च हिमालय से निकलती है और भारतीय उपमहाद्वीप के विस्तृत मैदानों से होकर प्रवाहित होती है ।

• संधि के अनुसार , ब्रिटिश शासकों ने काली नदी के पूर्व में पड़ने वाले क्षेत्र पर नेपाल के अधिकार को मान्यता दी थी ।

✓ विवाद की उत्पत्ति के ऐतिहासिक कारण :-

1. नेपाल के विशेषज्ञों के अनुसार , काली नदी के पूर्वी क्षेत्र की शुरुआत , नदी के उद्गम स्थल से मानी जानी चाहिए । इनके अनुसार नदी का उद्गम स्रोत ' लिंपियाधुरा के समीप पहाड़ों में है , जोकि नदी के शेष प्रवाह क्षेत्र की तुलना में अधिक ऊंचाई पर है ।

2. नेपाल का दावा है , लिंपियाधुरा से नीचे की ओर बहती हुए नदी की संपूर्ण धारा के पूर्व में स्थित उच्च पर्वतीय क्षेत्र उनका है ।

3. दूसरी ओर भारत का कहना है , नदी का उद्गम कालापानी से होता है , और यही से उसकी सीमा शुरू होती है ।
3.0K views13:35
ओपन / कमेंट
2022-05-12 16:35:49
2.7K views13:35
ओपन / कमेंट