जैव विविधता से आशय किसी भी क्षेत्र, देश ,महाद्वीप अथवा विश्व स | UPSC_पथ 1
जैव विविधता से आशय किसी भी क्षेत्र, देश ,महाद्वीप अथवा विश्व स्तर पर पाये जाने वाले जीव धारियों ( जीवों तथा पौधों ) की जैविकीय रचना में विविधता से हैं.. प्रत्येक क्षेत्र के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी स्वरूप में विशिष्ट प्रकार के जीव जन्तु , पादप आदि का विकास होता है और उसी के अनुसार उनकी वृद्धि एवं स्थानान्तरण होता रहता है..किन्तु यदि पारिस्थितिकी तन्त्र में बदलाव होता है अथवा पर्यावरण अवकर्षित होता है तो इनकी क्षति होने लगती है और जब अत्यधिक परिवर्तन आ जाता है तो इनकी प्रजातियाँ विलुप्त होने लग जाती है.. वर्तमान विश्व में जैव विविधता पर संकट मंडरा रहा है.. अनेक प्रजातियां विलुप्त हो गई है तथा अनेक संकटग्रस्त है..जैव विविधता के क्षरण के प्राकृतिक कारणों के अतिरिक्त मानवीय कारण अधिक के कारण हैं..