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🪷 आज की प्रेरणा 🪷

टेलीग्राम चैनल का लोगो todaysinspiration — 🪷 आज की प्रेरणा 🪷
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हमारे द्वारा भेजे गए संदेशों के माध्यम से लोगो में उत्साह, उमंग, आत्मविश्वास व विवेक जाग्रत कराना है!

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नवीनतम संदेश 6

2022-01-23 05:14:40 दिनांक:- २३ जनवरी २०२२
वार:- सोमवार
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आज का सुविचार
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“अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार
की ताकत तुम्‍हारे लिए घातक है।

- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस

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आज का दिनविशेष
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आज नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी
की जयंती है।

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151 viewsAryan | आर्यन, 02:14
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2022-01-22 05:10:45


!! कहानी जीवन की !!


– आनंदित रहने की कला

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एक राजा बहुत दिनों से विचार कर रहा था कि वह राजपाट छोड़कर अध्यात्म (ईश्वर की खोज) में समय लगाए । राजा ने इस बारे में बहुत सोचा और फिर अपने गुरु को अपनी समस्याएँ बताते हुए कहा कि उसे राज्य का कोई योग्य वारिस नहीं मिल पाया है । राजा का बच्चा छोटा है, इसलिए वह राजा बनने के योग्य नहीं है । जब भी उसे कोई पात्र इंसान मिलेगा, जिसमें राज्य सँभालने के सारे गुण हों, तो वह राजपाट छोड़कर शेष जीवन अध्यात्म के लिए समर्पित कर देगा ।

गुरु ने कहा, "राज्य की बागड़ोर मेरे हाथों में क्यों नहीं दे देते ? क्या तुम्हें मुझसे ज्यादा पात्र, ज्यादा सक्षम कोई इंसान मिल सकता है ?"

राजा ने कहा, "मेरे राज्य को आप से अच्छी तरह भला कौन संभल सकता है ? लीजिए, मैं इसी समय राज्य की बागड़ोर आपके हाथों में सौंप देता हूँ।"

गुरु ने पूछा, "अब तुम क्या करोगे?"

राजा बोला, "मैं राज्य के खजाने से थोड़े पैसे ले लूँगा, जिससे मेरा बाकी जीवन चल जाए।"

गुरु ने कहा, "मगर अब खजाना तो मेरा है, मैं तुम्हें एक पैसा भी लेने नहीं दूँगा।"

राजा बोला, "फिर ठीक है, "मैं कहीं कोई छोटी-मोटी नौकरी कर लूँगा, उससे जो भी मिलेगा गुजारा कर लूँगा।"

गुरु ने कहा, "अगर तुम्हें काम ही करना है तो मेरे यहाँ एक नौकरी खाली है । क्या तुम मेरे यहाँ नौकरी करना चाहोगे?"

राजा बोला, "कोई भी नौकरी हो, मैं करने को तैयार हूँ।"

गुरु ने कहा, "मेरे यहाँ राजा की नौकरी खाली है । मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे लिए यह नौकरी करो और हर महीने राज्य के खजाने से अपनी तनख्वाह लेते रहना।"

एक वर्ष बाद गुरु ने वापस लौटकर देखा कि राजा बहुत खुश था । अब तो दोनों ही काम हो रहे थे । जिस अध्यात्म के लिए राजपाट छोड़ना चाहता था, वह भी चल रहा था और राज्य सँभालने का काम भी अच्छी तरह चल रहा था। अब उसे कोई चिंता नहीं थी।

इस कहानी से समझ में आएगा की वास्तव में क्या परिवर्तन हुआ ? कुछ भी तो नहीं! राज्य वही, राजा वही, काम वही; दृष्टिकोण बदल गया।

इसी तरह हम भी जीवन में अपना दृष्टिकोण बदलें । मालिक बनकर नहीं, बल्कि यह सोचकर सारे कार्य करें की, "मैं ईश्वर कि नौकरी कर रहा हूँ" अब ईश्वर ही जाने । सब कुछ ईश्वर पर छोड़ दें। फिर ही आप हर समस्या और परिस्थिति में खुशहाल रह पाएँगे।


शुभप्रभात
!! शुभ शनिवार !!
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो!
सदैव प्रसन्न रहिये!

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5 viewsAryan | आर्यन, 02:10
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2022-01-22 05:10:31 दिनांक:- २२ जनवरी २०२२
वार:- शनिवार
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आज का सुविचार
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“रिश्ता बहुत गहरा हो या न हो पर
भरोसा बहुत गहरा होना चाहिये।”

— अज्ञेय

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आज का दिनविशेष
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सन १९०५ में रूस में अक्टूबर क्रांति
की शुरुआत हुई।

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5 viewsAryan | आर्यन, 02:10
ओपन / कमेंट
2022-01-21 19:23:44 https://t.me/+lGXA8hfVU18yYmM9
48 viewsAryan | आर्यन, 16:23
ओपन / कमेंट
2022-01-21 14:34:23


!! जीवन मंत्र !!


– उत्कृष्ट जीवन की आवश्यकता

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जीवन का कोई लक्ष्य न हो, कोई आदर्श-उद्देश्य न हो, तो मनुष्य की स्थिति ठीक उसी तरह होती है, जैसे बिना ड्राइवर के चलने वाली मोटर, जिसकी शक्तियों का दुरुपयोग होना और कहीं भी नष्ट-भ्रष्ट होकर अवनति के गर्त में पड़ जाना निश्चित है ।
उच्चादर्श, महान-लक्ष्य, उच्च-व्यक्तित्व, उज्ज्वल-कार्यक्रम, उच्च-व्यवहार को लक्ष्य बनाकर ही मनुष्य उत्कृष्ट आंतरिक स्थिति को प्राप्त करता है और यह स्थिति ही सांसारिक जीवन में विकास का मार्ग प्रशस्त करती है । जिसने अपने भीतरी स्तर का निर्माण करने में सफलता प्राप्त कर ली, उसके लिए बाह्य जीवन की सफलता भी सुनिश्चित है । आंतरिक स्थिति का निर्माण ही लक्ष्य-निर्धारण का मूल स्वरूप है । उसके लिए दृढ़ आस्था, अटल विश्वास, अनन्य निष्ठा का किला तैयार कर लेना ही बाह्य जीवन की सफलता का साधन बनता है । जीवन संग्राम में अंत तक वे ही व्यक्ति मोर्चे पर डटे रहते हैं, जिनका "उद्देश्य आदर्श," "लक्ष्य दृढ़," "पक्का", "अचल" और "एक" होता है । धूर्तता या प्रतिभा के बल पर कोई व्यक्ति थोड़े दिन छोटे से क्षेत्र में चमक सकता है, पर विश्व इतिहास के अनंत आकाश में चंद्र-सूर्य की तरह केवल वे ही महापुरुष चमकते रह सकते हैं, जिन्होने अपना अंतःकरण ऊँचा बनाया है । जिनका लक्ष्य, जिनकी अंत:स्थिति, जितनी ऊँची है, वस्तुतः वह उतना ही ऊँचा माना जाएगा ।

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102 viewsAryan | आर्यन, 11:34
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