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सामान्य विज्ञान - मानव नेत्र (Human Eye) मानव नेत्र एक कैमरे | 🎯Target with Raghav- UPSC,SPSC,SSC,BANK,TET,CTET,SuperTet

सामान्य विज्ञान - मानव नेत्र (Human Eye)

मानव नेत्र एक कैमरे की भाँति एक प्रकाशिक यंत्र है, जिसमें निम्न मुख्य भाग होते हैं -

- दृढ़पटल (Sclera) – यह पर्तो से बना सफेद अपारदर्शक भाग नेत्र की रक्षा हेतु नेत्र के गोले को ढके रहता है।

-कोर्निया (Cornea) – दृढ़पटल के सामने का भाग कुछ उभरा हुआ तथा पारदर्शक होता है। इस भाग को कोर्निया कहते हैं।

-आइरिस (Iris) – कोर्निया के पीछे एक अपारदर्शक रंगीन पर्दा होता है जिसे आइरिस कहते हैं। आइरिस पुतली के आकार को नियंत्रित करता है।

-पुतली या परितारिका (Pupil) – आइरिस के बीच वाले छोटे छिद्र को नेत्र की पुतली कहते हैं। पुतली आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।

-कोराइड (Choroid) – श्वेत पर्त के निचले भाग से सम्बन्धित अन्दर की ओर एक काले रंग की झिल्ली होती है जिसे कोराइड कहते हैं।

-नेत्र लेन्स (Eye lens) – आइरिस के पीछे जिलेटिन के समान प्रोटीन का बना पारदर्शक तथा मुलायम पदार्थ का एक उत्तल लेन्स होता है जिसे नेत्र लेन्स कहते हैं। नेत्र लेन्स माँसपेशियों की सहायता से अपनी स्थिति में रेखा रहता है जिन्हें पक्ष्माभी माँसपेशियाँ कहते हैं।

-रेटिना (Retina) – कोराइड से संबंधित आँख के सबसे आन्तरिक भाग में पुष्टि नाड़ियों से बना एक पार्दा होता है जिसे रेटिना कहते हैं। इस पर्दे पर शंकु एवं श्लाका आकार की प्रकाश संवेदी लाखों कोशिकाएँ होती हैं।

-जलीय एवं काँच द्रव – कोर्निया और नेत्र लेन्स के मध्य एक पारदर्शक द्रव भरा रहता है। इस द्रव को जलीय द्रव कहते हैं। इसी प्रकार नेत्र लेन्स और रेटिना के बीच में भी एक पारदर्शक द्रव भरा रहता है। जिसे काँच द्रव कहते हैं।