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सामान्य विज्ञान (General Science) हीरा (Diamond) – शुद्ध | 🎯Target with Raghav- UPSC,SPSC,SSC,BANK,TET,CTET,SuperTet

सामान्य विज्ञान (General Science)

हीरा (Diamond) –

शुद्ध हीरा रंगहीन, पारदर्शक तथा कठोरतम होता है, इसी कारण यह शीशे को काट देता है।

विश्व में पाया जाने वाला कठोरतम पदार्थ हीरा होता है।

इसका गलनांक असामान्य रुप से उच्च लगभग 36000 C होता है।

इसका आपेक्षिक घनत्व 3.52 है।

यह विद्युत तथा ऊष्मा का कुचालक होता है।

यह सभी विलायकों में अघुलनशील होता है।

यह काँच को काटने में तथा चट्टानों में छेद करने के काम आता है।

यह बहुमूल्य जवाहरात बनाने के लिए काम आता है। इसे कैरेट में पामा जाता है।

1 कैरेट हीरा 200 मिग्रा. के बराबर होता है।

यह कठोर पदार्थों को पॉलिश करने में काम आता है।

इसका उपयोग औजारों व टंगस्टन के तार खींचने की डाई बनाने में होता है।

इसका उपयोग धार तेज करने के लिए अपघर्षक के रुप में किया जाता है।

कार्बोण्डम (सिलिकॉन कार्बाइड) को कृत्रिम हीरा भी कहते हैं। यह कठोरता में हीरे जैसा होता है।

ग्रेफाइट (Graphite) –

ग्रेफाइट कार्बन का प्रमुख अपररुप है, जो प्रकृति में हीरे से अधिक मात्रा में पाया जाता है।

कृत्रिम ग्रेफाइट को एचीसन प्रक्रम द्वारा बनाया जाता है। इस प्रक्रम के द्वारा ग्रेफाइट ऐन्थ्रासाइट कोयले को आयरन ऑक्साइड या सिलिका की थोड़ी मात्रा में विद्युत भट्टी में गर्म करके बनाया जाता है।

ग्रेफाइट गहरे धूसर रंग का नर्म पदार्थ है। यह स्पर्श करने में चिकना लगता है तथा इसमें धात्विक चमक होती है।

यह डायमण्ड से अधिक मुलायम होता है।

इसका अपेक्षिक घनत्व 2.5 के लगभग होता है, इसी कारण यह हीरे से हल्का होता है।

यह विद्युत का सुचालक होता है, क्योंकि प्रत्येक परत में मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसका गलनांक हीरे के समान (35000 C) होता है।