वो लड़कियां जिन्होंने महबूब को मान लिया था खुदा अब भरोसा उठ ग | •✤┈•शायरी का समुद्र•┈✤•
वो लड़कियां
जिन्होंने महबूब को मान लिया था खुदा अब भरोसा उठ गया है उनका खुदा से,
वह कलम
जो कभी इतना कर लिखती थी प्रेम पत्र
अब टेसुएं बहाते हुए लिखती है विरह के गीत,
वो लड़कियां
जो उससे छोटी-छोटी बातों पर लड़ जाया करती थी
अब बड़े बड़े उलाहनो को कर देती है अनसुना,
वो लड़कियां
जो मोहब्बत में ना जाने कितने नामों से पुकारी जाती थी
बाप की पगड़ी की खातिर कहलाई गई बेवफा,
वो लड़कियां
जो उसका पसंदीदा रंग पहन कर
उड़ती थी तितलियों की तरह
आज सिंदूरी रंग में भी
बेरंग है उनकी दुनिया,
वो लड़कियां
जिनका जिसमें किसी और की गिरफ्त में होता है
और रुह सनम की यादों में जकड़ी हुई,
वो लड़कियां
जो कभी किसी लड़के की जिंदगी थी
आज बन कर रह गई महज दो घरों की इज्जत।
╭─❀⊰╯@Shayari_Ka_Samunder
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