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Gurudev ji pradam Mai janana chahata hun ki apne pitron ya kis | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

Gurudev ji pradam Mai janana chahata hun ki apne pitron ya kisi anya hetu pret yoni se mukti ki koi sadhana batayen. Thanks

उत्तर -
यह समझ लीजिये की आप जो इच्छा प्रकट कर रहे हैं वह इतनी आसन नही है साधना में क्यूंकि ऐसी साधना करने के लिए साधक का अत्यंत धैर्ववान होना आवश्यक है और मेरे निजी अनुभव के आधार पर मैंने यह पाया है जो साधक तंत्र जगत में आते हैं वह कम समय में बहुत ज्यादा की इच्छा के साथ आते हैं तो बहुत ही कम साधक ऐसे होते हैं जिनमे धैर्य हो इसलिए अधिकाधिक साधक तंत्र में सफल होके वापस जाते हैं क्यूंकि उन्हें ऐसा लगता है की तंत्र एक मजाक है आग जला के उसमे कुछ डाल दिया तो हो गया तंत्र मेरी बाते पढने में कडवी लग रही होंगी लेकिन सत्य यही है हो सकता है आपको लगे इस मार्ग से नही दुसरे मार्ग से सफल हो जायेंगे हम लेकिन यह जान लीजिये जिस प्रकार से एक चाय बनाने के लिए जो आवश्यक वस्तुएं हैं वह आपको चाहिए ही होनी जिसमे अग्नि दूध पानी चाय आदि आदि अब अग्नि गैस से आये या लकड़ी से दूध गाय का हो या भैंस का पत्ती देसी हो या विदेशी लेकिम जो मूल है वो आवश्यक हैं ही इसलिए मार्ग कोई भी हो जो मूल नियम हैं उनका पालन आवश्यक ही रहेगा उसके बिना सफलता नही मिलेगी.

यह है एक आम साधना की चर्चा अब साधक का प्रश्न है की वह अपने पितृ को कैसे तृप्त करें अब आप स्वयं से अंदाज़ा लगा लीजिये इसके लिए आपको कितने परिश्रम की आवश्यकता है जिसमे आप सर्वप्रथम मुनि अगस्त की साधना करें उसके बाद गुरु ब्रहस्पति की साधना करें इनसे प्राप्त कृपा के साथ यौगिक क्रिया का अभ्यास करते हुए आप तृप्त करें अपने पितृ अथवा वैदिक नियम के अनुसार त्रिपिंडी श्राद्ध (https://t.me/rajyogipk/5454) करवा सकते हैं यह दो नियम हैं जिनका आप प्लान कर सकते हैं.

त्रिपिंडी श्राद्ध में आप जयपुर जाके सामने बैठ के पूजन आदि करेंगे अथवा अपने पूर्वज का नाम गोत्र एवं अन्य गुप्त जानकारी देंगे उसके आधार पर श्राद्ध की प्रक्रिया की जाएगी. दोनों में से जो उपाय आपको उचित लगे आप वो करें.