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रतिप्रिया यक्षिणी अनुभव आदरणीय देवांशू जी, सादर नमस्कार | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

रतिप्रिया यक्षिणी अनुभव


आदरणीय देवांशू जी, सादर नमस्कार
आपकी आज्ञा अनुसार यहां मैं मेरी रतिप्रिया यक्षिणी साधना अनुभव शेयर कर रहा हूं, श्रीमान जी आपने साधनाओं के सामान्य निर्देशों में भी कहा है कि साधना और उसके अनुभव किसी को बताने नहीं चाहिए, लेकिन अब आपकी ही आज्ञा हुई है
श्रीमान जी वैसे तो आप मेरी इस साधना के विषय में जानते ही हैं, आपके निर्देशानुसार मैंने अमावस्या के रात्रि 10 बजे से साधना आरम्भ कि थी और पूरे 19 दिन तक एक ही नियत समय पर साधना करता रहा, शुरू के 2 दिन तो कुछ नहीं था लेकिन तीसरे दिन साधना कक्ष में अचानक तेज प्रकाश का अनुभव ही जैसे किसी ने लाइट ऑन कर दी हो क्योंकि साधना समय में कक्ष में कोई प्रकाश नहीं किया जाता है तो पूर्णतः अंधेरे में ही साधना करता था जैसे ही प्रकाश का अनुभव हुआ वैसे ही कुछ समय के लिए अचानक शरीर में भीषण गर्मी का अहसास हुआ, मुझे डर भी लगा मन हुआ आंखे खोल के देख लूं की हुआ क्या है, लेकिन आपने कहा है कि माला पूरी होने से पहले आखें नहीं खोलनी हैं तो मैं मंत्र जप करता रहा, माला पूरी होने से कोई 1 मिनट पहले सब नॉर्मल हो गया। फिर अगले दिन कुछ नहीं हुआ, 5 वें दिन 1 माला आराम से हो गई दूसरी माला आरम्भ ही कि थी कि लगा कक्ष के बाहर कोई महिला घूम रही है उसकी पायल की आवाज एक लय में साफ सुनाई दे रही थी, जबकि according to my condition us समय में जहां साधना करता हूं, पूरे फ्लोर पे किसी महिला की उपस्थिति के कोई चांस नहीं है, फिर भी मैंने साधना पूरी कर बाहर आके देखा तो कोई भी नहीं था। मैंने अगले दिन घर में पूछा भी था कि क्या कोई 11 बजे के आसपास उपर आया था तो सबने मना कर दिया। उसके बाद करीब एक हफ्ते तक कुछ नहीं हुआ फिर उसके 13वें या 14वें दिन (थोड़ा टाइम हो गया है साधना किए हुए तो दिन मुझे एग्जैक्ट याद नहीं है) 2 माला में कर चुका था और तीसरी माला भी लगभग आधी हो चुकी थी कि अचानक कमरे में चमेली के फूलों की खुशबू आने लगी ऐसा लगा जैसे कोई लाखों फूल चारों ओर बिखर गए हों, और फिर यही सिलसिला चलता रहा। मेरी 19 दिवसीय साधना पूरी हो गई लेकिन कुछ गलतियों के कारण मुझे प्रत्यक्षीकरण नहीं हुआ।
वैसे dewanshu जी के अनुसार साधना में ध्यान आवश्यक नहीं है लेकिन इन्होंने मना भी नहीं किया था तो 5 से 10 मिनट का ध्यान मैं करता था साधना पूरी किए 1 महीने से अधिक हो गया है, लेकिन मैं उसी समय के आसपास, ध्यान अभी करता ही हूं और मुझे कभी कभी दिन में एक से अधिक बार ऐसा लगता है कि कोई मेरे साथ है या आसपास है जो मुझे दिख नहीं रहा क्योंकि वहीं खुशबू मुझे अभी भी आती है और इसी लिए मैंने साधना के इतने समय बाद भी रतिप्रिया का ध्यान करना बंद नहीं किया
इति श्री