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प्रशासक समिति (Reg. E&SWS) हिन्दू राष्ट्र - 18 आ. मानस | प्रशासक समिति हिन्दी चैनल

प्रशासक समिति (Reg. E&SWS)

हिन्दू राष्ट्र - 18

आ. मानसिक स्तर का धर्माभिमान दर्शानेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए अपात्र !
हिन्दुत्वनिष्ठों की वर्तमान स्थिति के विषय में बताने का कारण यह है कि मानसिक स्तर का धर्माभिमान दर्शानेवाले, मानसिक स्तर के हिन्दुत्वनिष्ठ होते हैं। इसीलिए इनके राष्ट्र एवं धर्म सम्बन्धी कार्य में निरंतरता नहीं रहती। राष्ट्र एवं धर्म की हानि के विषय में मन का रोष घटते ही उनका यह तात्कालिक कार्य समाप्त हो जाता है । ऐसे लोगों के बल पर हम भीड तो इकट्ठा कर सकते हैं, पर इससे हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं होगी।

इ. हिन्दुओ, धर्माचरण और साधना कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के योग्य बनें!
धर्माचरण और साधना करने से हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता की अनुभूति होती है। उस समय खरा धर्माभिमान उत्पन्न होता है। तब समाज, राष्ट्र एवं धर्म का वास्तविक हित साधने के लिए प्रयत्न होते हैं। धर्माचरण और साधना करने से व्यक्ति धर्मनिष्ठ बनता है। धर्मनिष्ठ व्यक्ति धर्म का अनादर नहीं करता और दूसरों को ऐसा करने से रोकता है अथवा विरोध करता है। ऐसा व्यक्ति ही, धर्मरक्षा का कार्य कर सकता है। इससे ध्यान में आता है कि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का कार्य धर्माचरणी और साधना करनेवाले हिन्दू ही कर सकते हैं। (३.५.२०१४)


३. साधना क्या है ?
हिन्दू धर्म के अनुसार मनुष्यजन्म ईश्‍वराप्ति से ही सफल होता है। ईश्‍वर की प्राप्तिके लिए प्रतिदिन किए जानेवाले प्रयासों को साधना कहते हैं। कुछ लोग व्यक्तिगत साधना के रूप में पूजा-अर्चना, नामजप, ध्यान- धारणा, योगासन, होम-हवन, तीर्थयात्रा इत्यादि करते हैं। जिन्हें गुरु प्राप्ति हो चुकी है, ऐसे कुछ लोग अपने सद्गुरु के मार्गदर्शन में समष्टि साधना के रूप में सनातन धर्म का चार-सार, समाजसहायता, राष्ट्रजागृति तथा धर्मरक्षा का कार्य करते हैं! कुछ लोग भारतमाता को देवी मानकर उसका कार्य करने के लिए समर्पित रहते हैं, अर्थात कर्मयोगानुसार साधना करते हैं। (३.५.२०१४)

४. हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का कार्य करते समय कौन-सी साधना करनी चाहिए ?

४ अ. हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रतिदिन प्रार्थना करना
हिन्दुओ, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, छत्रपति शिवाजी महाराज के समान जनता को आदर्श राज्य देनेवाले नेताआें का हिन्दू राष्ट्र स्थापित हो, इसके लिए अपने उपास्य देवतासे तिदिन प्रर्थना करें! (२५.५.२०१३)

४ अ १. हिन्दू राष्ट्र स्थापना के उपक्रम सफल होने के लिए प्रतिदिन प्रर्थना करना :- हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए किसी अन्य संगठन का उपक्रम अथवा आंदोलन हो रहा हो, तो उसकी सफलता के लिए उपास्यदेवता से प्रर्थना करें।

४ अ २. हिन्दू राष्ट्र-सम्बन्धी भाषण का आरम्भ और समापन देवता की प्रार्थना से करना : सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के वक्ता सदैव भगवान श्रीकृष्ण को वंदन कर, हिन्दू राष्ट्र-सम्बन्धी भाषण आरम्भ करते हैं तथा भाषण के अन्त में भी प्रार्थना करते हैं। ऐसा करने से देवता के आशीर्वाद मिलते हैं। (२३.४.२०१२)

आगे ४ आ. संकटकाल में तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए अपने उपास्य देवता का अथवा भगवान श्रीकृष्ण का नामजप निरन्तर करें !

सोर्स :-
https://www.hindujagruti.org/hindi/hindu-rashtra/importance-of-spiritual-practice
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            जय श्री राम
      हिन्दू राष्ट्र भारत

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