अच्छी कविता देश-धर्म, जाति लिंग के भेदाभेदों के पचड़े में नहीं पड़ती अवाम से वाबस्ता नहीं और निज़ाम से छेड़छाड़ नहीं करती अच्छी कविता बुरों को बुरा नहीं कहने देती अच्छी कविता अच्छा इंसान बनाने का ज़िम्मा नहीं लेती... https://poshampa.org/achchhi-kavita-sheoraj-singh-bechain-kavita/ 22 views05:00