जब बच्चे करते हैं जी-भर प्रेम तब झड़ते हैं शरमाकर रोहिड़े के फूल जब बच्चे लहूलुहान पृथिवी पर बरसाते हैं चुग्गा तब हिय में हिलोरे लेती है आज़ादी। https://poshampa.org/tab-ve-kavi-ho-jate-hain-sandeep-nirbhay-kavita/ 65 views09:29