अभी जो रुकावटें रोक रही है मंजिल मिलने से मना कर रही है..!! हम खुद को एक दिन ऐसा बनाएंगे की.. रुकावटें भी हमे रास्ता देंगी मंजिल भी स्वागत करेंगी..!! तू सब्र तो रख.. एक दिन उड़ेंगे खुले आसमान मे वो आसमान भी बाहें खोलकर गले लगाने को बेताब रहेंगे .!! 14.8K views Radhe Rajpoot , edited 14:49