हैप्पी मदर्स डे
19वीं शताब्दी में मेदिनीपुर जिले के एक गांव में एक मां अपने पुत्र के साथ रहती थी। मां का रहन-सहन अत्यंत सादा था और विचार अति उच्च। अपने पुत्र को वह सुसंस्कारों की शिक्षा देती थी। पुत्र भी मां का आज्ञाकारी था। मां बहुत संघर्ष कर पुत्र का पालन-पोषण कर रही थी।
• पुत्र अपनी मां के कष्टों को देखता समझता था और इसी वजह से उसके मन में यह भावना थी कि बड़ा होने पर मां को सभी प्रकार के सुख देगा।
• एक दिन पुत्र ने अपनी मां से कहा कि मां मेरी बहुत इच्छा है कि तुम्हारे लिए कुछ गहने बनवाऊं, तुम्हारे पास एक भी गहना नहीं है। यह सुनकर मां बोली बेटा मुझे बहुत दिनों से तीन प्रकार के गहनों की इच्छा है। पुत्र ने पूछा - वे कौन से हैं ? मां ने उत्तर दिया बेटा इस गांव में अच्छा स्कूल नहीं है इसलिए तुम एक अच्छा स्कूल बनवाना, एक दवाखाना खुलवा देना और गरीब अनाथ बच्चों के रहने खाने की व्यवस्था करवा देना। यही मेरे लिए गहनों के समान होगा।
• मां की बात सुनकर पुत्र रो पड़ा। यह पुत्र था पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर और मां थी भगवती देवी।