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1. कृत प्रत्यय : ऐसे प्रत्यय जो क्रिया धातु रूप के बाद लगते ह | हिन्दी साहित्य / Hindi Literature

1. कृत प्रत्यय :

ऐसे प्रत्यय जो क्रिया धातु रूप के बाद लगते हैं एवं लगने से दुसरे शब्दों की रचना हो जाती है।
इन प्रत्ययों के योग से जो शब्द बनते हैं वे कृदंत प्रत्यय कहलाते हैं।

कृत प्रत्यय के उदाहरण:

तैर + आक :तैराक
ऊपर उदाहरण में आओ देख सकते हैं कि तैर मुख्या शब्द है। आक एक प्रत्यय है। जब मुख्या शब्द एवं प्रत्यय को एक साथ मिलाया जाता है तब यह शब्द तैरक बन जाता है। इससे यह शब्द परिवर्तित हो रहा है।

भाग + ओड़ा : भगोड़ा

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं यहाँ भाग मुख्या शब्द था। ओडा एक प्रत्यय है जो शब्दों के बाद लगाया जाता है। जब हमने भाग बद के साथ ओड़ा प्रत्यय को लगाया तो फिर शब्द बदलकर भगोड़ा हो गया जिसका मतलब मुख्या शब्द से भिन्न होता है। यह शब्द एवं अर्थ दोनों को परिवर्तित कर देता है।

कृत प्रत्यय के भेद :

कृत प्रत्यय के पांच भेद होते हैं:

◆कर्त्तुवाचक कृदंत
◆कर्मवाचक कृदंत
◆करणवाचक कृदंत
◆भाववाचक कृदंत
◆क्रियावाचक कृदंत