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ब्रह्ममुहूर्त-ध्यान कक्षा :- 17 नवम्बर 2021 ( सुबह 430 - 530 | 🎧 Hindi Audio Book📚

ब्रह्ममुहूर्त-ध्यान कक्षा :-
17 नवम्बर 2021 ( सुबह 430 - 530 )

◇ मैंने पहले भी ध्यान करने की कोशिश की है, कुछ शिविर में भी शामिल हुआ हूँ। वहाँ भी सभी का ध्यान होने की बात सुनी है। लेकिन मेरा कभी ध्यान नहीं होता, क्या कुछ लोगों का ध्यान हो ही नहीं सकता ? कृपया मार्गदर्शन करें।

उत्तर ~ ध्यान की स्थिति है विचार शून्य हो जाना और ध्यान हर किसी के लिए सम्भव है। जब मन में कोई संशय, विश्वास, कल्पना, ईच्छा लेकर ध्यान के लिए बैठते हैं तब ध्यान का हो पाना सम्भव नहीं हो पाता है। उसका कारण यह है कि मन पहले ही कल्पनाओं एवं कहानियों में घिरा पड़ा है।

एक दूसरी स्थिति को समझो - मन तुम्हारा मालिक है
मन होता है तो खाना है, मन होता है तो सोना है, मन है तो कुछ करना है। अर्थात मन के इच्छा के बिना कोई भी कार्य नहीं करना है।
जबकि ध्यान की स्थिति में मन के आदेश का सर्वथा अभाव है, वहाँ मन का आदेश नहीं चलेगा। यह कोई मानसिक घटना नहीं है।
अब जब तुम ध्यान के लिए बैठते हो तो मन चाहता है कि ध्यान हो। और जहाँ मन के हिसाब से हो नहीं सकता वहाँ ध्यान वाली घटना कैसे घट सकेगी।

प्रयास करते रहो, जिस दिन बिना कल्पना, बिना विचार का एक पल भी मिला घटना घटेगी। लेकिन ध्यान जैसे ही घटे, फिर से ईच्छा में ना जुट जाना थोड़ी देर और ऐसा ही महसूस हो। क्योंकि ईच्छा होते ही घटना फिर से बंद।

"ध्यान तब तब घटेगी जब जब तुम्हें न उसके घटने का इंतजार होगा, ना ईच्छा होगी या नहीं हो पाने का न कोई क्षोभ होगा। बस प्रयास होगा और अभ्यास होगा।"

◇ मैं पहली बार ध्यान कक्षा में आया हूँ, यहाँ के समय एवं अभ्यास के बारे में कुछ जानकारी दें।
उत्तर ~ सुबह ब्रह्ममुहूर्त ध्यान कक्षा में,

शुरूआत के 5 मिनट शरीर की स्थिति ठीक करते हैं, उसी वक़्त में अन्य साधकों के जुड़ने का समय दिया जाता है।

फिर 5 मिनट ध्यान के सम्बंधित निर्देश दिए जाते हैं जिसमें 1 - 2 मिनट का ध्यान अभ्यास करते हैं। ( इस वक़्त भी साधक लिंक से जुड़ सकते हैं )

उसके बाद 15-20 मिनट का ध्यान का अभ्यास करते हैं। ( इस 20 मिनट के ध्यान के बीच में नये साधक लिंक के प्रयोग से शामिल नहीं हो सकते हैं। )

उसके बाद 15 - 30 मिनट का प्रश्नोत्तरी का समय होता है। ( इस वक़्त भी साधक लिंक से जुड़ सकते हैं )

◇ आपका आश्रम कहाँ है ?
उत्तर ~ मेरा कोई आश्रम नहीं है। आश्रम हो और आश्रम में आश्रम जैसी कोई स्थिति न हो ऐसी परिस्थिति मुझे पसन्द नहीं। जब आश्रम जैसी सुन्दर स्थिति कर पाने की व्यवस्था हो जाएगी तो आश्रम की स्थापना की जायेगी। अन्यथा लोगों तक ऐसे ही पहुँच कर जनसेवा ही वास्तविक उद्देश्य है।

◇ गुरु जी, आप कहते हैं ध्यान घटता है। इसका अर्थ क्या है ? यह कैसी स्थिति है?
उत्तर ~ ध्यान घटने का अर्थ है, कुछ क्षणों के लिए विचार शून्य हो जाना।

◇ क्या ध्यान कुछ क्षण या सेकंड के लिए ही घटता है ?
उत्तर ~ नहीं, विचार शून्यता की स्थिति कुछ क्षणों से शुरू होकर कितनी भी लम्बी अवधि तक हो सकती है। घंटों, दिनों यहाँ तक महीनों भी, उस स्थिति को समाधि कहते हैं।


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