एक प्रश्न बार बार पूछा जा रहा है। कि अब आगे क्या पढ़े ? पुरानी | धींधवाल पब्लिकेशन
एक प्रश्न बार बार पूछा जा रहा है। कि अब आगे क्या पढ़े ?
पुरानी बुक्स का क्या होगा?
सबसे पहले राजस्थान कला व संस्कृति, राजस्थान इतिहास की पढ़ाई जारी रखें। इनमें घटनाएं और उनके बारे में 90% जानकारी सेम ही रहेगा। सिर्फ कौनसा स्थान किस जिले में है, ये ही चेंज हो सकता है।
जैसे सिवाणा किला किस जिले में है? बाड़मेर या बालोतरा
लेकिन इसके अलावा सिवाणा किले की समस्त जानकारी में कोई चेंज नहीं होगा।
ठीक इसी तरह राजस्थान इतिहास में कोई युद्ध स्थल या प्राचीन सभ्यता स्थल किस जिले में गया है, इसके अलावा तो पढ़ ही सकते हो।
राजस्थान भूगोल में जनगणना पढ़ सकते हो, नयी जनगणना के आंकड़े आने तक कोई बदलाव नहीं होगा। पशुपालन, नदियां पढ़ सकते हो। नदी का बहाव कितने जिलों में है, इसके अलावा नदी के बारे में बहुत सी जानकारियां पढ़ सकते हो।
ये सच है आने वाले दिनों में आपको राजस्थान जीके की तीनों बुक्स नयी लेनी पड़ेगी। लेकिन जो पढ़ना छोड़ देगा या नयी बुक का इंतजार करेगा, वो बाद में पछताएगा।
कुछ बुक्स खरीदने का रोना भी रोयेंगे, जब जिले नहीं बन रहे थे, बुक्स तो तब भी खरीद रहे थे। लेकिन इसमें बेरोजगारों के लिए बहुत बड़ा मौका भी मिला है। 19 नये जिले बनने का मतलब है, हर विभाग में नये पद सृजित होंगे। इस साल ना सही, लेकिन अगले 2 साल में बहुत वैकेंसी आने वाली हैं।
ये आपको तय करना है कि जीके में बहुत सा चेंज होने के आंसू बहाने हैं या आगामी परीक्षाओं में सलेक्शन की तैयारी करनी है।
होशियार सिंह
धींधवाल पब्लिकेशन