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भारतीय संविधान के बारे में रोचक भारत का संविधान देश में सबस | Daily Gk

भारतीय संविधान के बारे में रोचक

भारत का संविधान देश में सबसे उच्चा पद भारतीय संविधान का है। सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कोई भी इससे ऊपर नही है। सब इसके दायरे में रहकर काम कर रहे है।

1. भारत का संविधान एक हाथ से लिखा गया दस्तावेज है, ना कि मशीन से। इसे “प्रेम बिहारी नारायण रायजादा” ने अपने हाथों से इटैलिक स्टाइल में लिखा था और इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के दो कलाकार “बेवहार राममनोहर सिन्हा” और “नंदलाल बोस” ने अपने हाथों से सजाया था।

2.भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह 25 भागों में बंटा हुआ है, जिसमें 448 आर्टिकल्स और 12 schedules है। इसके अंग्रेज़ी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं, जिन्हें लिखने में कुल 254 पेन निब्स का इस्तेमाल हुआ था और 6 महीने का समय लगा था। इस पूरे कार्य पर लगभग ₹6.3 करोड़ खर्च हुए थे।

3.संविधान के अंग्रेज़ी और हिंदी संस्करण की असली कॉपी संसद भवन की लाइब्रेरी में हिलियम के बॉक्स में रखी हुई हैं।

4.संविधान बनाने के लिए पहली सभा 9 दिसंबर, 1946 को बैठी थी और इसे बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था और डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था।

5.संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 तय की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि और 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे। ये संख्या बाद में घटकर 299 रह गई। हैदराबाद अकेली एक ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में शामिल नहीं हुए थे।

6.भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था लेकिन आधिकारिक रूप से यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था और इसी दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में भी मनाते है।

7.संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन इसीलिए चुना गया क्योंकि इस दिन “पूर्ण स्वराज दिवस” की वर्षगांठ थी।

8.भारतीय संविधान को अंतिम रूप देने से पहले इसे चर्चा और बहस के लिए रखा गया था और तब इसमें 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे।

9.Indian Constitution पर संविधान सभा के 284 सदस्यों के हस्ताक्षर भी है जिनमें से 15 महिलाएँ थी। ज्यादात्तर सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर अंग्रेजी में किए थे और कुछ ने हिंदी में भी.. ‘अबुल कलाम आजाद’ ने अपने हस्ताक्षर उर्दू में किए थे।

10.24 जनवरी 1950 को, संविधान लागू होने से 2 दिन पहले जब संसद में इस पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे तो उस समय बारिश हो रही थी और संविधान सभा के सदस्यों ने इसे शुभ बताया था। यह सविंधान सभा की अंतिम बैठक थी और इसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति भी चुना गया।

11.डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर, जो स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान सभा की कमेटी के चेयरमैन भी थे, को “भारतीय संविधान का पिता” कहा जाता हैं।

12.भारतीय संविधान दुनिया के 10 अलग-अलग देशों से लिया गया है इसीलिए इसे “उधार लिया हुआ बैग” भी कहा जाता है। संविधान का मूल ढांचा ‘Government of India Act, 1935’ पर आधारित है।

पंच-वर्षीय योजना का विचार सोवियत संघ से लिया गया है।

सामाजिक-आर्थिक अधिकार का विचार आयरलैंड से लिया गया है।

व्यापार और कॉमर्स के प्रावधान ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिए गए है।

भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों को जर्मनी से लिया गया है।

भारत मे जिस कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट काम करता है, वो जापान से लिया गया है।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में “Liberty, Equality और Faternity” शब्द फ्रांस-क्रांति से प्रेरित हैं।

फ़ेडरल सिस्टम, संघ और राज्य के रिश्ते और संघ-राज्य के बीच पॉवर का बंटवारा कनाडा के संविधान से लिया गया हैं।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना (preamble) अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना से प्रेरित है। अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना और भारतीय संविधान की प्रस्तावना दोनों ही “We the People” से शुरू होती है।