गांधी जी कि आत्मकथा "में
" ब्रह्मचर्य से जुड़े मुख्य विचार, जो हर युवा को जानना ही चाहिए। ताकि वह यह समझ सके, कि
""मोहन से गांधी ""तक कि यात्रा ब्रह्मचर्य, त्याग और संयम बिना
सम्भव नही थी।
ब्रह्मचर्य का सीधा सम्बन्ध तन व मन कि पवित्रता से है। जितने ज्यादा ब्रह्नचारी युवा होंगे इसका सीधा सा अर्थ होगा, कि
उनका मन कामुकता और अश्लील विचारो से स्वतंत्र है। और जितना अधिक मन साफ और पवित्र है। उतने अधिक अच्छे कर्म और नारी का सम्मान स्वतः समाज मे होगा
अर्थात नारी सुरक्षा व नारी सम्मान में व्रद्धि का सीधा सम्बन्ध ब्रह्चर्य पालन से है।
अतः आज ही से प्रतिज्ञा करे। कि
न तो गलत देखेंगे।
न गलत बोलेंगे
न गलत सोचेंगे
पूरी तन मन और आत्मा के हर सम्भव प्रयास से शुद्ध ही सोचेंगे। जिह्वा से अच्छे विचार ही कहेंगे।
यदि ऐसा एक एक युवा करता है,तो आश्चर्य नही, कि आने वाले कुछ सालों में भारत का युवा पूरी तरह बदल जायेगा।
और हर नारी स्वयं को सुरक्षित महसूस करेंगी।
यही तो है,हमारे सपनो का भारत।
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बस इतना काफी है
जयमातादी
T.me/brahmacharya