Get Mystery Box with random crypto!

THE POEM: पवित्र भारत महाअभियान (भारत के वीर युवाओं को समर् | Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy

THE POEM:
पवित्र भारत महाअभियान
(भारत के वीर युवाओं को समर्पित....!
Time For Action
...


टूट गयी है उम्मीदें
न जाने कितनी बार
सिर्फ उम्मीद ही नही टूटी यारा
टूटे है सन्कल्प हज़ार


पथ ब्रह्मचर्य का
है नही  इतना आसान
याद सदा तू ये रखना
हे मासूम इंसान...

सोच सोचकर गलतियों को पिछली
तू और गलतियां करता है,
देखकर गन्दी फिल्मो को तू
और गन्दगिया करता है

भागता है जिस बीते कल से
वही तेरी चिंताओं के रूप में
तेरा पीछा करता है,
बिखरा था तू
अनगिनत बार पहले भी
तब  आज
फिर भी क्यों  बिखरता है
फिर भी क्यों बिखरता है?

इंद्रियों कि गुलामी करते करते
सालों बीत गए तुझको
आज भी न सुधरा तू तो
खुदा को क्या मुँह दिखाएंगे कल को


देह का नंगा नाच तो तूने
न जाने कितने दिनों से खेला है(2)
जानता हूँ कि तू भी नही है खुश
बस मेरी तरह अकेला है
वस मेरी तरह अकेला है...

फिल्में अश्लिलता कि
झूटी है सारी और
झूठा है ये जिस्म
ये तू भी जानता है

तब भी क्या बेबसी है तेरी
के चंद दिन बाद
उसी गंदगी में
फिर मुँह मारता है
फिर मुँह मारता है..


ढूंढ तेरे इस कारण को,तू अब
जो तुझसे तुझको छीन रही
कतरा कतरा ही सही लेकिन
ये गंदी आदतें
तेरी सांसो को अब बीन रही..

सन्कल्प होते है तेरे  अच्छे
होते है अच्छे विचार
समझ नही पाया मैं अब तक
फिर टूटे क्यों सन्कल्प हज़ार
टूटे क्यों सन्कल्प हज़ार?


चूक हुई कहाँ तूझसे
कैसे पता लगाऊं
भगवान भी जब चुप हो जाये
तो किसको
अपना दुःख बतलाऊँ
किसको अपना गम सुनाऊ..


मुश्किल में हूँ यार मैं
आज तो बस रोना चाहता हूं (2)
बेबस हु बहुत अब तो
खुदा के पास  अब सोना चाहता हूँ...

रोती थी जो
आंखे भर भर के कभी(2)
अब तो उनके भी आंसू सुख गए,,,
कैसे निकलू माया के दलदल से मैं
इसी उलझन में सालों बीत गए..

हस्तमैथून कोई  मैथुन नही प्राकृतिक
बल्कि एक धीमा ज़हर है
बरपा दिया जिसने
मासूमों कि जिंदगी में अब
बहुत ही बड़ा कहर है

छात्र 12 साल के अब तो
इसका दुःख झेल रहे(2)
बिना स्त्री को जाने ही
गुप्तांगों से वो खेल रहे

न पता उन्हें वीर्य का कोई
न ही ब्रह्मचर्य का ज्ञान(2)
पूर्व ही उससे वे तो मस्ती में
लुटा रहे है अपना मान
लुटा रहे अपना मान..


भूल हुई केसी ओ यारा ??
मेरे भारत मे
चूक हुई है कैसी ओ यारा
मेरे भारत मे


बच्चे क्यों
लुटा रहे अपनी जवानी?
क्यों उनके
यौवन के दम घुट रहे है..

जीना तो वे भी
बहुत चाहते है मगर
क्यों
पल पल में वो सिमट रहे है?
पल पल में वो सिमट रहे है?


मुश्किल में पड़ा है
युवा हमारा और
तकलीफ में है
आज हर  बच्चा
अब तो जागो  भारत मेरे
यही है समय अब सच्चा
यही समय है अब सच्चा...

जाग जाओ तुम भी माता
जो कोख में बालक पाल रही
चेत जाओ पहले ही तुम भी
कहीं उसे जन्म देकर
मुश्किल में तो नही डाल रही..


जाग जाइये,,पिता ओ प्यारे
जो बच्चो को गोद मे खिलाते हो
सिखाये नही संस्कार तो
क्या मौत की सजा
उनको नही सुनाते हो???

Continoue...