विकारों से मुक्ति विकारों में पड़कर ये क्या कर डाला ओ इंसान तेरे इन विकर्मों को देखकर शर्मा गया भगवान उसने बनाया इस संसार को तेरे लिए सुखधाम विकारों में पड़कर बनाया तूने इसको दुखधाम पवित्र था ये संसार कहते थे जिसको शिवालय तूने विकारों में पड़कर इसको बनाया वेश्यालय तन के भोग के साधन तूने कितने सारे जुटाए इसी वासना में तूने आत्मा के गुण सारे गंवाए तेरे घिनोने पापों के बारे में कोई कुछ ना बोले इसीलिए तूने न जाने कितने अनाथाश्रम खोले पाप करने का ये नशा तुझको इतना चढ़ गया भोग भोगकर तेरा सारा विवेक ही बिगड़ गया ये एक पाप ही जीवन में कितना दुःख लाता है काम विकार सबको आदि मध्य अंत रुलाता है विकारों में फंसकर तूँ इंसान से बन गया हैवान छोड़ दे सारे विकार अब समझाते तुझे भगवान पवित्रता की राह चुन ले और बन जा देव तुल्य अवगुण त्यागकर भर ले अपने में नैतिक मूल्य श्रीमत पर चलने की खा ले सच्ची कसम आज देवभूमि इस भारत की बचानी है तुझको लाज अगर तूँ स्वयं को पूरा पवित्र बनकर दिखायेगा ईश्वर की नजरों में तूँ अनमोल रत्न कहलायेगा सारे दुःख संकटों से तुझे मुक्ति ईश्वर दिलाएगा आने वाले सतयुग में तूँ सर्वोच्च देवपद पाएगा https://t.me/+RCBOO24o4PS1h2mj 1.6K views15:24