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THE POEM : तुम हो तो (नारी के हर अंश को समर्पित...! जब हम | Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy

THE POEM : तुम हो तो
(नारी के हर अंश को समर्पित...!

जब हम भाई है तो एक मासूम
बहन बिना सब सुना लगता है...


जब हम प्रेमी है तो
दिल पर राज करने वाली
इक मासूम प्रेमिका  बिना
सबकुछ अधूरा लगता है...


जब हम पति है तो
पत्नी हमे जीना सीखाती है...


और जब हम पिता है,
तो एक नन्ही सी बिटिया
बेहद याद   आती है



भला कैसे भूल जाए हम उस माँ को
जो हर नारी में कहीं न कही रहती है
भले कितना ही दूर क्यों न हो जाये हम
पर हर लड़के के दिल में वो रहती है



चरण बद्ध रूप में प्रस्तुत:-


तुम हो तो ये घर लगता है
वरना सच कहूँ
बहुत डर लगता है
बहुत डर लगता है...

तुम हो तो यह जीवन पवित्र है
वरना कहाँ कोई इसका चरित्र है
  
तुम हो तो
यह जीवन बनता महान है 
बिन तुम्हारे तो
बस सांसो के कुछ  निशान है
बस सांसो के कुछ निशान है...

तुम हो तो यह जीवन
खिलते कमल सा है
वरना किसी
माया के दलदल सा है
माया के दलदल सा है...

तुम हो तो यह जीवन
खिलती कलियों का उपवन है
वरना जैसे
बिना सुगंध का कोई चन्दन है


तुम हो तो यह जीवन
चाँद कि शीतलता है
और सूरज कि गर्मी है
जो तुम नही तो
सिर्फ ऐब और बेशर्मी है
सिर्फ ऐब और बेशर्मी है...

तुम हो तो यह जीवन
पुष्पो कि कोमलता है
बिजली कि चपलता है
जो तुम नही तो 
सिर्फ जटिलता है
सिर्फ जटिलता है

तुम हो तो यह जीवन
नदियों के पावन मीठे जल सा है
वरना सच कहूँ
एक आत्मघाती छल सा है
आत्मघाती छल सा है...

तुम हो तो यह जीवन
बुद्ध,  महावीर 
और  गाँधी कि अहिंसा है
जो तुम नही तो बस
स्वार्थ कि कोई मंशा है
स्वार्थ कि कोई मंशा है...

जो तुम हो
तो जीवन कि ईश्वर
सदा मेरे साथ है
वरना यह जीवन एक
कुटिल मज़ाक है
बस कुटिल मज़ाक है..

तुम हो तो
इस जीवन मे आत्मसम्मान है
वरना कहाँ कोई त्याग
और कहाँ कोई बलिदान है
कहा कोई बलिदान है..?

तुम हो तो यह जीवन
विष्णु का सुदर्शन और
शिव का त्रिशूल है...
जो तुम नही तो
बिना खुशबू का कोई फूल है
बिना खुशबू का कोई फूल है...
  
तुम हो तो यह जीवन
कृष्ण कि भगवद गीता है
वरना जैसे
बिना राम के सीता है
बिना राम के सीता है...

तुम हो तो
जीवन मे ज़िम्मेदारी आती है
ख़ुदद्दारी आती है
जो तुम नही तो बस
खुद से ही गद्दारी आती है

तुम हो तो यह जीवन पवित्र प्रेम
कि    शक्ति है    भक्ति है
बिन तुम्हारे तो बस माया कि
आसक्ति है, माया कि आसक्ति है


         धन्यवाद
Inspired From: COMMITMENT
    माध्यम:(कृतांत अनन्त नीरज)



शिक्षा: प्रत्येक महिला अपने घर परिवार का अभिन्न हिस्सा है। समाज का महत्वपूर्ण भाग होने के साथ- साथ नारी "राष्ट्र हित और विश्वकल्याण "के गुणों को स्वयं में समाहित रखती है। अतः वे हमेशा ही पूज्य  है।
वह दो परिवारों के मध्य का सेतु है, और एक नई पीढ़ी की पथ प्रदर्शक भी


वेदों में भी महिलाओं की महिमा को गाया है, साथ ही भारतीय संविधान में भी नारी के बेहतर और गरिमा युक्त जीवन हेतु उपबंध किए है...

SO AlWAYS
(Love Woman + Respect Woman + Encourage Woman...


प्रत्येक नारी कि सुरक्षा और सम्मान
हर पाप और सामाजिक अपराध का अंत है  ,और इसकी शुरुआत घर से ही होती है
....


जॉइन soon:
http://t.me/brahmacharya

देश की हर बेटी - हर माँ  व हर बहन को स्पेशल फील कराने के लिये सिर्फ एक व्यक्ति को यह कविता अवश्य करे...
NOW YOUR TURN...