The POEM(नेशनल एसेट): भारत 2047 (द सुपरपावर) रक्षा से लेक | Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy
The POEM(नेशनल एसेट): भारत 2047 (द सुपरपावर)
रक्षा से लेकर अन्तरिक्ष की कक्षा तक सप्त ऋषि से लेकर उत्पादक कृषि तक विश्व का वही हर क्षेत्र में दाता होगा ऐसा विकसित भारत सारे जग का भाग्यविधाता होगा
रोशनी वसुधैव कुटुम्बकम की तब सारे जगत में झिलमिल जगमगाएगी हर एक व्यक्ति के चरित्र में जब सहिष्णुता संग पवित्रता भी आएगी
उत्पादकता में जब राष्ट्र हमारा अव्वल होगा विश्व को निर्यात करने के तब काबिल होगा जहाँ कोई पढ़ा लिखा फिर न जाहिल होगा भारत हमारा ऐसा समावेशी शिक्षा का साहिल होगा
गूंज सनातन संस्कृति की पृरे विश्व मे होगी आयुर्वेद और योग का जग में परचम होगा जय होगी भारत माँ की और हर ज़ुबा पर यही एक सरगम होगा
आत्मनिर्भरता है प्रथम , हर भारतीय का यही कहना होगा महिलाओं का सशक्तिकरण ही उस superPower का गहना होगा
नाउम्मीदो की उम्मीद वहाँ होगी और मायूसो को आशा भी नज़र आएगी इस मासूम वतन के लिये की हुई दुआएं खुशबू बनकर जग में बिखर जाएगी
बेरोजगारों को काम और गरीबो को भरपेट खाना मिलेगा सभी पिछड़ों को रहने को सुविधा सम्पन्न बिजली - युक्त ठिकाना मिलेगा
कलाम का वो अदभुत भारत न कभी फिर किसीका गुलाम होगा हर देश का गर्व से उस भारत को सलाम होगा
अंतिम से अंतिम का तब उदय होगा दीनदयाल का सार्थक अंत्योदय होगा गांधी का रामराज्य जिसमे झलकेगा होगा सबका उत्थान और सर्वोदय चमकेगा सर्वोदय चमकेगा