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विपरीत लिंग का आकर्षण  कैसे  जीते ? (How to Win over S*x lust | Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy

विपरीत लिंग का आकर्षण  कैसे  जीते ? (How to Win over S*x lust )

- विपरीत लिंग का  आकर्षण एक कड़ा  संस्कार  है । विश्व का हरेक व्यक्ति इस रोग से पीडित है ।

-सम्पूर्णता और कुछ  नहीं जब हमे विपरीत लिंग के लोगो और दीवार में कोई फर्क नज़र न  आये वह सम्पूर्णता  है । जब तक हमे यह पता है कि  विपरीत लिंग और मेरे में  क्या फर्क है, यह भी  संपूर्णता नहीं है ।

-इस कड़े संस्कार  को गहराई से  समझना  होगा । इसकी जड़ न समझने के  कारण बड़े बड़े योगी भी  फेल हो जाते हैं । दुनिया में कोई भी  चीज़ असम्भव नहीं है । असम्भव तब तक है जब तक हमे उसका सम्पूर्ण ज्ञान नहीं है ।

-विपरीत लिंग का आकर्षण क्यों होता है ।

- हमारा शरीर एक एक कोशिका से बना है l प्रत्येक कोशिका  में दो सूत्र   होते है जो आकर्षण का कारण बनते है । वैसे  हरेक कोशिका में 23  जोड़े सूत्रो   के  होते  है ।   प्रत्येक जोड़े में एक सूत्र  माता का और  एक सूत्र   पिता से मिला  होता है । 22 जोड़े ऐसे होते है जिन में काम वासना सम्बन्धी कोई गुण नहीं होता । इन 22 जोडो से बल पैदा होता है जिनसे हमारे में उमंग उत्साह पैदा होता है । हम जीवन के सभी कार्य करते है जिसे हम शारीरिक बल कहते है ।

-23वा जोड़ा हमारे में विपरीत लिंग की तरफ़ आकर्षण पैदा करता है ।

- जब भाई  बहिनों की तरफ़ देखते है तो 23 वा जोड़ा जो पिता से मिला  है उसमे आकर्षण का बल पैदा होता है जो बहिनों को अपनी ओर खींचता  है । करोडो कोशिकाओं का बल मिल  कर शक्तिशाली चुम्बक बन जाता  है जिस से भाई  इस खिंचाव से पीडित रहने लगते है ।

-इसी तरह बहिनों में  23वा जोड़ा  जो उन्हे माता से मिला  होता है उस में उत्पन्न  आकर्षण का बल भाईयो को अपनी ओर खींचता  है तथा  करोडो कोशिकाओं के बल के कारण बहिनें भाईयो की तरफ़ खिंचाव से पीडित रहने लगती   हैं  ।

-ये खिंचाव बहुत एनर्जी नष्ट करता है ।

-कई  लोगो में यह 23वा जोड़ा   होता ही नहीं  । उनके अंग तो विकसित होते है परंतु  उनमे वासना उत्पन नहीं होती । उनका मन कहीँ नहीं भटकता  । ऐसे मनुष्य महा मानव होते है वह संसार में अदभुत  कार्य करते हैं  ।

-कई मनुष्यों में 22वा और 23वा जोड़ा आकर्षण का कार्य करते है । ऐसे लोग महा कामी, महा  क्रोधी, महा  अहंकारी महा लम्पट होते है ।  वे जहां भी  जायेंगे आफते खड़ी करेगें ।

-योग (ध्यान ) लगाने से ये 23वा जोड़ा निष्क्रिय  हो जाता है । जिससे विपरीत लिंग का आकर्षण ख़त्म हो जाता है ।

- योग(ध्यान ) कितने घंटे का हो, हरेक व्यक्ति की मनो दशा  पर निर्भर करता है । अभ्यास कर के अपनी योग की आवश्यकता का पता   लग़ा  लेना चाहिये । फिर भी  अढाई घंटे का योग ज़रूर चाहिये । ये ऐसा रोग है जिसे भगवान  की  शक्ति से ही निर्मूल कर सकते है । इसलिये अगर योग पर ध्यान  नहीं देंगे तो इस संस्कार से दुखी रहेंगे  और अनमोल एनर्जी नष्ट होती रहेगी ।

-विपरीत लिंग के आकर्षण से बचने की और भी  युक्तियां  हैं । जो हम धीरे धीरे आपको यही पर भेजते रहेंगे। यहां के अलावा ये ज्ञान और कही नही मिलेगा।

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