Get Mystery Box with random crypto!

ब्रह्मचर्य एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुशासन, नियम अथवा व्रत है । | Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy



ब्रह्मचर्य एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुशासन, नियम अथवा व्रत है ।

इस द्वारा मनुष्य अपने भीतर एक बहुत ही उत्तम शक्ति का भंडार एकत्रित और सुरक्षित कर लेता है ।

यह शक्ति शरीर को स्वास्थ्य, बल, तेज, सौंदर्य और दीर्घायु प्रदान करती है ।

ब्रह्मचर्य की शक्ति मनुष्य के मनोबल को बढ़ाती है, उसकी वाणी को प्रभाव उत्पादक एवं ओजस्वी बनाती है और उसके मुख्य मंडल को दिव्य कांति देती है ।

जो कोई भी ब्रह्मचर्य का पालन करता है यह शक्ति उसके नेत्रों में एक अद्भुत आभा भर देती है उसके ललाट को एक अलौकिक चमक प्रदान करती है और उसके व्यक्तित्व में चुंबकीय आकर्षण तथा एक अपूर्व उल्लास ला देती हैं ।

ब्रह्मचर्य द्वारा मनुष्य जिस शक्ति का संचय करता है, वह शक्ति उसके सद्गुणों के विकास में तथा समाज सेवा में भी बहुत सहयोगी होती है ।

इससे मनुष्य आत्मा महान और श्रेष्ठ बन जाती है ।

ब्रह्मचर्य शक्ति को मनुष्य विद्योपार्जन में लगाकर अपना बौद्धिक विकास तथा आत्मिक उन्नति कर सकता है ।

इस तप द्वारा जितेंद्रीय बनकर वह संतोष सुख पा सकता है और इच्छाओं की गुलामी से छूट सकता है ।

इस प्रकार ब्रह्मचर्य एक ऐसी साधना है जिस द्वारा मनुष्य का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक एवं नैतिक सब तरफ से विकास एक साथ ही हो जाता है ।

*ब्रह्मचर्य के बिना मनुष्य निस्तेज, आलसी अथवा मुर्दा सा हो जाता है क्योंकि यही वह शक्ति है जो शरीर को स्फूर्ति और सार, मन को अदम्य उत्साह और उमंग और आत्मा को वर्चस्व प्रदान करती है ।*

स्थूल रूप में यह मनुष्य के भोजन का सार है और उसके तेज का आधार है ।

सूक्ष्म रूप में यह उसके मन का वेग और वोल्व अथवा ब्रेक है और मूल रूप से यही आत्मा के परम उत्कर्ष का साधन है ।

भारत में जितने भी भक्त, संत, संन्यासी इत्यादि हुए हैं, उन सभी ने आध्यात्मिक साधना की सफलता के लिए ब्रह्मचर्य को बहुत आवश्यक बताया है ।

योग दर्शन में इसकी गणना 5 यमों के अंतर्गत की गई है । गांधी जी ने भी अपने लेखों तथा पत्रों में इसका बहुत उच्च महत्व बताया हैं ।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में तो इसे ईश्वर अनुभूति तथा राजयोंग के अभ्यास के लिए अनिवार्य बताया गया है ।

क्योंकि इस द्वारा प्राप्त शक्ति से मनुष्य अन्य विकारों का भी अंत कर सकता है तथा जितेंद्रिय एवं एकाग्र होकर ईश्वर लग्न में मग्न होने का परम आनंद प्राप्त कर सकता है ।

टेलीग्राम पर जुड़े
https://t.me/joinchat/RCBOO24o4PS1h2mj