अहंकार, क्रोध और डर विकार है और ये तब आते है जब हम बाहरी लुक्स,नाम ,मान,शान के आधार पर अपनी पहचान बनाने की कोशिश करते है। इन सब से भोला (innocent) बनना (बच्चो की तरह) ही इन विकारों से मुक्त होने का रास्ता है और वो ही सबसे बड़ी मैच्योरिटी (परिपक्वता) है । 2.5K views06:04