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हल्दी वाला दूध बचपन में सर्दियों में नानी-दादी घर के बच्चों क | Ayurveda Yoga Meditation आयुर्वेद



हल्दी वाला दूध

बचपन में सर्दियों में नानी-दादी घर के बच्चों को सर्दी के मौसम में रोज हल्दी वाला दूध पीने के लिए देती थी। हल्दी वाला दूध जुकाम में काफी फायदेमंद होता है क्योंकि हल्दी में एंटीआॅक्सीडेंट्स होते हैं जो कीटाणुओं से हमारी रक्षा करते हैं। रात को सोने से एक दो घंटे पहले इसे पीने से तेजी से आराम पहुचता है. हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज मौजूद रहती है जो की इन्फेक्शन से लडती है. इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षणों में आराम पहुंचाती है.



हल्दी में अमिनो एसिड अनिद्रा को दूर करता है.।

हल्दी का दूध पीरियड्स के दर्द को कम करता है।

हल्दी दूध कैंसर मरीज़ को भी पिलाया जाता है।

हल्दी दूध एक एंटी-माइक्रोबायल है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन और वायरल इंफेक्शन के साथ लड़ता है. ये दूध सांस संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद करता है, क्योंकि इसे पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिसकी वजह से लंग कंजेशन और साइनस में आराम पहुंचता है. ये अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में भी राहत पहुंचाता है।

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एक कप दूध लें और इसे उबाल लें. एक चुटकी हल्दी(एक capsule जितनी) और स्वाद के लिए थोड़ी चीनी / गुड़ मिलाएं.सुबह भी ले सकतें हैं, श्याम को भी ले सकते हैं।

गुम चोट ठीक करें

अंडे क
ा पीला पार्ट और हल्दी का पेस्ट बना कर गुम चोट पर लगाने से गुम चोट ठीक हो जाती है।पहले हल्का तेल लगाएं फिर पेस्ट लगाएं फिर रुई लगाये फिर पट्टी करदे।