चिंतन का मतलब होता है अपने मन की गहराइयों में जाना। उसको कई प् | अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)
चिंतन का मतलब होता है अपने मन की गहराइयों में जाना। उसको कई प्रकार से सोचना। जब आपके मन में बहुत सारे विचार आ रहे और आप निर्णय नहीं कर पा रहे तो आपको आत्मचिंतन करना चाहिए।
*चिंता और चिंतन :-* चिंता और चिंतन में बहुत अंतर होता है। चिंता हमे खुद से बहुत दूर ले जाता है जबकि चिंतन हमे अपने मन की गहराइयों में उतरने में मदद करता है। जो जीवन में सही फैसले लेने के लिए आपको सही दिशा दिखाता है। जब हम चिंतन करते हैं तो अनेक चीजों को जोड़ते हैं घटाते हैं। और इसी तरह से करते हुए अपने चिंतन को एक दिशा देते हुए चले जाते हैं। *अगर आप सफल होना चाहते है चाहे संसार के कार्य में या भक्ति पथ पे आपको चिंतन करना चाहिए उसपे बार बार अच्छे से विचार करना चाहिए।*
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