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हिन्दी भाषा एवं साहित्य ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ ✦ आज के लिए प्रश्न | हिंदी साहित्य / Hindi Sahitya 🌟

हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 192
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर || 12 सितम्बर
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1. हिन्दी भाषा का जन्म हुआ है-

लौकिक संस्कृत से
पाली प्राकृत से
मागधी से
वैदिक संस्कृत से
पालि प्राचीन भारत की एक भाषा थी। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की एक बोली या प्राकृत है। प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन् तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब संस्कृत का महत्त्व कम होने लगा तो प्राकृत भाषा अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं।

पालि भाषा थेरवादी बौद्ध धर्मशास्त्र की पवित्र भाषा है। उत्तर भारतीय मूल की मध्य भारतीय-आर्य भाषा है। पालि भाषा का इतिहास बुद्धकाल से शुरू होता है। बुद्ध अपनी शिक्षाओं के माध्यम के लिए विद्वानों की भाषा संस्कृत के विरुद्ध थे, और अपने अनुयायियों को स्थानीय बोलियों के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करते थे, इसलिए बौद्ध धर्म में शास्त्रीय भाषा के रूप में पालि भाषा का उपयोग शुरू हुआ।

2. 'ग्रियर्सन' ने किसे 'देशी हिन्दुस्तानी' कहा है?

खड़ी बोली
दक्खिनी हिन्दी
अवधी
इनमें से कोई नहीं

3. स्वयंभू ने किस भाषा को 'देसी भाषा' कहा है?

संस्कृत
प्राकृत
अपभ्रंश
पालि
सातवीं शताब्दी के कवि 'दंडी' ने 'आभीर' जैसी काव्यात्मक भाषाओं को अपभ्रंश कहा है। इस तरह इस निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है, कि तीसरी शताब्दी में निश्चित रूप से अपभ्रंश के नाम से ज्ञात बोलियाँ थीं, जो क्रमशः साहित्यिक स्तर तक विकसित हुईं। छठी शताब्दी में 'भामह' ने कविता को संस्कृत, प्राकृत तथा अपभ्रंश भाषा के रूप में वर्गीकृत किया।

4. किस पुस्तक में हिन्दी का सर्वप्रथम उल्लेख हुआ?

महाभारत
रामचरितमानस
ऋग्वेद
अवेस्ता
'रामचरितमानस' तुलसीदास की सबसे प्रमुख कृति है। इसकी रचना संवत 1631 ई. की रामनवमी को अयोध्या में प्रारम्भ हुई थी, किन्तु इसका कुछ अंश काशी (वाराणसी) में भी निर्मित हुआ था। यह इसके किष्किन्धा काण्ड के प्रारम्भ में आने वाले एक सोरठे से निकलती है, उसमें काशी सेवन का उल्लेख है।

5. शौरसेनी, पैशाची, महाराष्ट्री, अर्द्धमागधी और मागधी, ये निम्न में से किस भाषा के पाँच भेद हैं?

पालि
प्राकृत
मागधी
संस्कृत
प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन् तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब संस्कृत का महत्त्व कम होने लगा, तो प्राकृत भाषा अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं।
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उत्तर : B A C B B
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