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वस्तुनिष्ठ प्रश्न : SET 17 [ #Top_5_Details ] UGC NET PART | हिंदी साहित्य / Hindi Sahitya 🌟

वस्तुनिष्ठ प्रश्न : SET 17 [ #Top_5_Details ]
UGC NET PART हिंदी व्याकरण एवं उनसे जुड़े तथ्य

6. भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार में कौन सा अलंकार है?
(A) श्लेष अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) रूपक अलंकार
(D) यमक अलंकार

Explanation : भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार, दूर भजन जासो कयो, सो तू भज्यो गँवार में यमक अलंकार है। जब किसी काव्य पंक्तियों में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न भिन्न हीं हो। तो वहां पर यमक अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में कहे तो यमक अलंकार में एक शब्द का दो या दो से अधिक बार प्रयोग होता है और प्रत्येक प्रयोग में अर्थ की भिन्नता होती है। यमक अलंकार के दो भेद हैं– अभंग पद यमक और सभंग पद यमक।

7. मंगन को देखि पट देत बार-बार है में कौन सा अलंकार है?
(A) श्लेष अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) रूपक अलंकार
(D) यमक अलंकार

Explanation : मंगन को देखि पट देत बार-बार है में श्लेष अलंकार है। जब किसी पद में प्रयुक्त एक ही शब्द के अलग-अलग संदर्भ के अनुसार अलग-अलग अर्थ प्रयुक्त हो जाते हैं तो वहां श्लेष अलंकार माना जाता है। श्लेष शब्द ‘शिलष्+अण् (अ)’ के योग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- ‘चिपकना’ अर्थात् जहाँ एक ही शब्द से प्रसंगानुसार अनेक अर्थ प्रकट होते हैं, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

8. को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के वीर में कौन सा अलंकार है?
(A) श्लेष अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) रूपक अलंकार
(D) यमक अलंकार

Explanation : को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के वीर में श्लेष अलंकार है। जब किसी पद में प्रयुक्त एक ही शब्द के अलग-अलग संदर्भ के अनुसार अलग-अलग अर्थ प्रयुक्त हो जाते हैं तो वहां श्लेष अलंकार माना जाता है। श्लेष शब्द ‘शिलष्+अण् (अ)’ के योग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- ‘चिपकना’ अर्थात् जहाँ एक ही शब्द से प्रसंगानुसार अनेक अर्थ प्रकट होते हैं, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

9. एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में कौन सा अलंकार है?
(A) रूपक अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) उत्प्रेक्षा अलंकार
(D) यमक अलंकार

Explanation : एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में रूपक अलंकार है। जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक का अर्थ है – रूप लेना अर्थात जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। सरल शब्दों में कहे तो जहां रूप और गुण की अत्यधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान का आरोप कर अभेद स्थापित किया जाए वहां रूपक अलंकार होता है।

10. सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में कौन सा अलंकार है?
(A) रूपक अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) उत्प्रेक्षा अलंकार
(D) यमक अलंकार

Explanation : सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में रूपक अलंकार है। जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक का अर्थ है – रूप लेना अर्थात जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। सरल शब्दों में कहे तो जहां रूप और गुण की अत्यधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान का आरोप कर अभेद स्थापित किया जाए वहां रूपक अलंकार होता है।
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