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REET में ये सूत्र करेगा आपको सफल:30 साल RAS रहे एक्सपर्ट से जा | RNS Education News

REET में ये सूत्र करेगा आपको सफल:30 साल RAS रहे एक्सपर्ट से जानिए मुश्किलें कभी बाधा नहीं बनतीं, कंपीटिटिव एग्जाम दे रहे तो सीखिए दिमाग की सवारी करना

प्रदेश के लाखों युवा कई तरह के कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। बहुत बार ऐसा होता है कि हम हताश हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि सिर पर कोई बोझ है, जो तनाव का कारण भी बन जाता है। इन दिनों REET 2021 के बहुत से अभ्यर्थी ऐसे ही दौर से गुजर रहे हैं। कुछ अंतिम समय पर बुक्स खंगाल रहे हैं। चिंता सता रही है कि कोर्स कैसे कम्पीट करेंगे और अच्छा स्टडी मटेरियल कहां से मिलेगा। लंबे समय से परीक्षा की तैयारी करते-करते बहुत से अभ्यर्थियों का मनोबल कमजोर हो जाता है, यह भी स्वाभाविक है। बहुत से बच्चे तनाव का नियंत्रण और समय का प्रबंधन नहीं कर पाते। ऐसे सभी अभ्यर्थियों के लिए मोटिवेशन बहुत आवश्यक है।

युवा ऐसे व्यक्तित्व से ही प्रेरित होता है, जो ‘गुदड़ी का लाल’ हो, जिसने उनकी पीड़ा को समझा हो, उनके क्षेत्र में काम किया हो। अपना और परिवार का नाम समाज में रोशन किया हो। समाज के लिए कुछ कर गुजरने की ललक हो। ऐसी ही एक शख्सियत हैं रतन बिश्नोई, जिन्होंने एक गरीब किसान के परिवार में जन्म लिया। 30 साल पूर्व दिल्ली की जेएनयू में टॉप किया। 5 विषयों में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। एमए, एलएलबी, एमबीए जैसी डिग्रियां हासिल कीं।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 8वीं रैंक लाकर 30 साल सेवाएं दीं। ये साबित किया कि परिवार का पिछड़ापन, गरीबी कभी भी किसी को आगे बढ़ने और सफलता पाने से नहीं रोक सकती। रतन बिश्नोई आज राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) से रिटायरमेंट के बाद छात्रों का भविष्य संवारने में जुटे हैं। दैनिक भास्कर ऐप पर जुड़े हैं मोटिवेशनल गुरु रतन बिश्नोई, जिनको सुनने के बाद आप नई ऊर्जा महसूस करेंगे।

तैयारी में कभी भी समय कम नहीं होता
रतन बिश्नोई कहते हैं बहुत सारे परीक्षार्थियों का सालभर की तैयारी के बाद भी कॉन्फिडेंस लेवल डगमगाता है। सबसे पहले यह देखना है कि तैयारी में कभी भी समय कम नहीं होता है। अपना ही उदाहण दूं कि जब मैं 1996 में आरएएस बना था, तब सिर्फ 3 महीने पढ़ाई की थी। मेरी 8वीं पोजिशन आई थी। आपके पास भले ही कम समय है, लेकिन यही तैयारी का अंतिम स्टेप है। सालभर जो पढ़ा है, उसके हर बिन्दु को अब रिवाइज कीजिए।

डर को निकाल फेंकिए
बच्चे डरते क्यों हैं? परीक्षा में लगातार 10 सवालों का जवाब नहीं आएं, तब भी नहीं डरना चाहिए। 11वें या 12वें सवाल का उत्तर आ जाएगा। कुछ बच्चों को लगातार 15 सवाल के जवाब न आएं, तब भी कॉन्फिडेंस लूज न करें। मैं एक गुरुमंत्र दे रहा हूं। मेरी पढ़ाई, 30 साल की आरएएस के तौर पर नौकरी, अनुभव, का निचोड़ है। जिन्दगी में कोई भी काम करो, तो ठंडे दिमाग से करो। ठंडा लोहा ही गर्म लोहे को काटता है। कभी स्ट्रेस लेकर स्टडी मत करो। अगर तनाव महसूस हो रहा है, पढ़ाई नहीं हो पा रही तो नींद लीजिए।

दिमाग की सवारी करना सीखिए
बहुत सारे बच्चे 10-10 घंटे पढ़ते हैं, लेकिन उन्हें याद नहीं रहता है। याद नहीं रहने का कारण है कि दिमाग हमारे कंट्रोल में नहीं है। ये दिमाग अक्सर टीवी, मोबाइल, प्यार-मोहब्बत में भी चला जाता है। भटकता रहता है। हमें इस दिमाग को एग्जाम तक पकड़कर अपने पास रखना सीखना है। एक बात हमेशा याद रखें, जीवन में अपने दिमाग को साधने से ऊपर कोई लक्ष्य नहीं हो सकता है। अगर आपने दिमाग की सवारी करनी शुरू कर दी, तो सब संभव है। दिमाग को थोड़ा सा कंट्रोल कर अपनी एक्टिविटीज को नियमित करेंगे, तो सफलता मिलेगी।

10 सालों के पेपर से समझें परीक्षा का लेवल
सारी चीजें याद करने की भी जरूरत नहीं है। रीट परीक्षा के पिछले 10 साल के पेपर्स लें और समझने की कोशिश करें। इससे आपको परीक्षा का लेवल समझ आएगा। अपने पढ़ने वाले दोस्तों की अच्छी टीम बना लें। डिफिकल्टी जहां आ रही है, उसे शेयर करें और समाधान निकालें।

ओवर थिंकिंग से पाएं मुक्ति
रतन बिश्नोई कहते हैं, कुछ स्टूडेंट्स कहते हैं हम 10 घंटे पढ़ तो लिए, लेकिन रात को सोते समय दार्शनिक बन जाते हैं, ऐसा विचार आने लगता है कि अगर एक्जाम क्लीयर नहीं हुआ तो। यह ‘तो' का प्रश्न नहीं आना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि आप अपनी मेहनत और कर्म करते रहें। कल क्या होगा यह नहीं सोचना है। ओवर थिंकिंग नहीं करनी है। परिणाम आपके और हमारे हाथ में नहीं है। ‘परिणाम’ परमात्मा देता है। हमारे हाथ में ‘कर्म' है।

गरीबी कभी सफलता में बाधा नहीं बनती
एक बात गांठ बांधकर रख लें। आपकी गरीबी, मुश्किलें, घर की परेशानियां कभी भी आपकी सफलता में बाधा नहीं बन सकती हैं। उठो, जागो, आगे बढ़ो, पॉजिटिव बनो। स्वामी विवेकानंद ने कम उम्र में पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। सभी को शिकागो में दिया गया उनका संबोधन सुनना चाहिए। मैं तो यह चैलेंज करता हूं, दुनिया में कोई भी परीक्षा आपकी कल्पना शक्ति और ताकत से