सपना है इन आँखो में नींद कही और हैं, दिल तो हैं जिस्म में पर धङकन कही और हैं, कैसे बयां करें हम अपना हाल-ऐ-दिल, जी तो रहे हैं मगर हमारी जिन्दगी कही और हैं। 364 views07:41