और बताओ पढ़नकारों, होली में घर गये, या अकेले पड़े हो हॉस्टल क | Qmaths
और बताओ पढ़नकारों,
होली में घर गये, या अकेले पड़े हो हॉस्टल के कमरे में, यूं तो रील देख देख कर सारा दिन बर्बाद कर दोगे, पर होली, दीवाली में दुई दिन घर जाने में पढाई खराब का डर सताता रहता है, घर नहीं जाओगे भले, पर रूम में भी पढ कहां पाओगे भाई
जिंदगी ऐसी ही है, हमे लगता है बस कुछ दिन और, फिर अच्छे दिन आएंगे, खूब जिंदगी के मौज काटेंगे फिर, बड़ी खुशी के साथ बता रहा हूं, की वो दिन कभी नहीं आयेगा, लाइफ में हमेशा कुछ ना कुछ लगी ही रहेगी, अभी जॉब नही है तो इसका मतलब यह नहीं कि जिंदगी या त्यौहार एंजॉय करना छोड़ दो। पढ़ो जम कर, और celebrate भी जम कर करो, जो जिंदगी जीना चाहते हो, वो यही है, अभी है..
जितना रियल लाइफ में टेंशन होता है, उससे कई गुणा ज्यादा टेंशन दिमाग़ में घर किए होता है, धीरे 2 कोशिश कीजिए इसको हैंडल करने की, 10th मे top करके भी कौन सा तीर मार लिया वैसे, 12th fail भी upsc crack करते हैं। माथे का बोझ कम कीजिए साहब, ये बोझ कंधे के बोझ से कहीं ज़्यादा भारी होता है।
आप सभी भाईयों को, आपके निखिल भईया की तरफ से होली की सपरिवार ढ़ेरों शुकामनाएं, खूब मेहनत करो, और साथ साथ जिंदगी के 4 लम्हें एंजॉय भी करते चलो..!!
#Happy_Holi