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2021-04-20 12:49:28 पीएम मोदी के नेतृत्व में लिया गया अहम फैसला, 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों का होगा टीकाकरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक दिन पहले हुई बैठक में 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण की अनुमति देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। बता दें, प्रधानमंत्री ने दवा निर्माताओं और शीर्ष डॉक्टरों के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल से सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को टीका लगवाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व रिकॉर्ड गति से लोगों का टीकाकरण कर रहा है और हम इसे और अधिक गति के साथ जारी रखेंगे।

सरकार निर्माताओं की कर रही है पूरी मदद

केंद्र सरकार ने सोमवार को यह निर्णय लिया कि 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र का प्रत्येक नागरिक कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण करा पाएंगे। गौरतलब हो, कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण के तहत वैक्सीन निर्माता 50 फीसदी वैक्सीन की डोज केंद्र सरकार को देंगे, जबकि 50 फीसदी राज्य सरकारों या फिर खुले बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।

पीएम मोदी के निर्देशों के अनुसार, भारत सरकार प्रत्येक निर्माता के साथ नियमित संपर्क में है। विभिन्न साइट पर कई टीमें भेजी गई हैं। सरकार उनकी आवश्यकताओं को समझकर अनुदान एवं अग्रिम भुगतान के द्वारा वैक्सीन उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित कर रही है।

अभी तक प्राथमिकता के आधार पर चरणों में हो रहा था टीकाकरण

भारत की राष्ट्रीय कोविड -19 टीकाकरण रणनीति अनुसंधान और विकास, विनिर्माण, व्यवस्थित एवं रणनीतिक प्रशासन और सतत निर्माण क्षमता पर बनाई गई है। भारत उपलब्धता के आधार पर एक गतिशील मैपिंग मॉडल का पालन कर रहा है और प्राथमिकता के आधार पर चरणों में टीकाकरण अभियान चला रहा है। राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान का पहला चरण 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों, स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीके लगाए गए। दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च से हुई थी, जिसमें देश 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

कोविड टीकाकरण कार्यक्रम का उदारीकृत और त्वरित चरण है थर्ड फेज

अपने तीसरे चरण में, राष्ट्रीय वैक्सीन अभियान का उद्देश्य वैक्सीन मूल्य निर्धारण और वैक्सीन कवरेज को बढ़ाना है। यह वैक्सीन उत्पादन और उपलब्धता को बढ़ाने के साथ-साथ वैक्सीन निर्माताओं को अपने उत्पादन में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके साथ नए टीके निर्माताओं (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) को आकृष्ट करना भी इसके लक्ष्यों में से एक है। यह मूल्य निर्धारण, खरीद, पात्रता और टीके के प्रशासन को भी सभी के लिए सुगम कर देगा।

1 मई 2021 से लागू होने वाले राष्ट्रीय कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम की उदारीकृत और त्वरित चरण 3 की रणनीति के मुख्य तत्व इस प्रकार हैं: -

(i) वैक्सीन निर्माता अपनी मासिक सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (CDL) की 50% खुराक सरकार को आपूर्ति करेंगे। वे शेष 50% की आपूर्ति राज्य सरकार एवं खुले बाजार को करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

(ii) निर्माता 1 मई 2021 से पहले राज्य सरकार और खुले बाजार में 50% आपूर्ति के लिए पारदर्शी रूप से मूल्य की अग्रिम घोषणा करेंगे और इस मूल्य के आधार पर राज्य सरकारें, निजी अस्पताल, औद्योगिक प्रतिष्ठान आदि निर्माताओं से वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराएंगे। निजी अस्पतालों को कोविड -19 वैक्सीन शेष 50% आपूर्ति से प्राप्त करनी होगी। निजी टीकाकरण प्रदाता पारदर्शी रूप से अपने स्व-निर्धारित टीकाकरण मूल्य की घोषणा करेंगे। 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग टीकाकरण के लिए योग्य होंगे ।

(iii) पहले की तरह टीकाकरण जारी रहेगा। टीकाकरण केन्द्रों पर एचसीडब्ल्यू, एफएलडब्ल्यू और 45 साल से ऊपर के लोगों को मुफ्त में टीका प्रदान किया जाएगा।

(iv) सभी टीकाकरण (भारत सरकार और भारत सरकार के अलावा अन्य) राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। सभी के लिए प्रोटोकॉल, जैसे कि कोविन एप पर अपना नाम दर्ज करना, एइएफआई रिपोर्टिंग तथा अन्य सभी निर्धारित मानदंडों का पालन करना अनिवार्य होगा।

(v) भारत सरकार अपने हिस्से से, संक्रमण की हद (सक्रिय कोविड मामलों की संख्या) और प्रदर्शन (प्रशासन की गति) के मानदंडों के आधार पर राज्यों / संघ शासित प्रदेशों को टीके आवंटित करेगी। इस मापदंड में वैक्सीन के अपव्यय पर भी विचार किया जाएगा। उपरोक्त मानदंडों के आधार पर, राज्यवार कोटा तय किया जाएगा और राज्यों को पहले से ही सूचित किया जाएगा।
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2021-04-20 12:40:01 ‘देखो अपना देश’ श्रृंखला का अगला वेबिनार 24 अप्रैल को होगा आयोजित

पर्यटन मंत्रालय का ‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला का अगला वेबिनार 24 अप्रैल को सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा। ज्ञात हो, 17 अप्रैल 2021 को इस श्रृंखला का “खजुराहो-मंदिरों का वास्तुशिल्प वैभव” नामक 85वां वेबिनार आयोजित किया गया था। भारत एक समृद्ध राजवंशों, शक्तिशाली शासकों, समृद्ध सभ्यताओं और इतिहास वाला देश है। इनसे जुड़ी संरचनाओं की भव्यता को देखते हुए यूनेस्को ने भी इनमें से कई को विश्व धरोहर के रूप में पहचान दी है। ‘खजुराहो’ इनमें से ही एक है।

‘देखो अपना देश’ वेबिनार सीरीज ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के तहत भारत की समृद्ध विविधता को विश्व के सामने प्रदर्शित करने का एक प्रयास है। वेबिनार के सत्र यू ट्यूब चैनल के लिंक https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA/featured पर और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सभी सोशल मीडिया हैंडल पर उपलब्ध हैं।

खजुराहो के मंदिरों की नक्काशी है अद्भुत

खजुराहो मंदिरों का निर्माण 950-1050 ई. के मध्य में चंदेला राजवंश द्वारा कराया गया था। इन मंदिरों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है- पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी। इन मंदिरों की नक्काशी जटिल और असाधारण है और ये अद्भुत स्थापत्य कौशल का प्रदर्शन करते हैं। ये विशेषताएं खजुराहो को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है। खजुराहो के मुख्य मंदिरों के नाम कंदरिया महादेव मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर, ब्रह्मा मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, देवी जगदम्बा मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, मातंगेश्वर मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं वेबिनार के दौरान इन मंदिरों की वास्तुकला शैलियों पर भी चर्चा की गई। खजुराहो में मंदिरों के अलावा आस-पास देखने को और भी बहुत कुछ है जिनमें पश्चिमी जनजातीय समूह, पन्ना नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व, राणे झरने शामिल हैं।

पिछले महीने ही खजुराहो में 'महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर' का किया गया था उद्घाटन

पर्यटन मंत्रालय के केंद्रीय सेक्टर योजना के तहत के बाद उन्नीस प्रतिष्ठित स्थलों के विकास के लिए सरकार एक समग्र दृष्टिकोण अपना रही है और खजुराहो एक ऐसे ही प्रतिष्ठित गंतव्य के रूप में विकसित होने वाला है। पिछले महीने पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा खजुराहो में पर्यटन मंत्रालय के स्वदेश दर्शन योजना के तहत बनाए गए 'महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर' का उद्घाटन किया गया था। इसका उपयोग कॉर्पोरेट इवेंट्स आयोजित करने और कॉरपोरेट ट्रैवलर की व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

खजुराहो तक जाना अब हो गया है आसान

श्री शेओ शेखर शुक्ला मध्य प्रदेश सरकार में संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि खजुराहो तक लोगों की पहुंच को बढ़ाया गया है चाहे वह रेलमार्ग हो, सड़क मार्ग हो या हवाई मार्ग से हो। मध्य प्रदेश ईको-टूरिज्म, हेरिटेज ट्रेल्स, रूरल होममेड इत्यादि जैसे अधिक आयामों को जोड़कर खजुराहो को एक पारिवारिक गंतव्य के रूप में विकसित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों में हॉट एयर बैलूनिंग, बफर में सफर और नाइट सफारी आदि की सहायता से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी साझा किया कि 1 मई 2021 से दिल्ली से खजुराहो के लिए द्वि-साप्ताहिक उड़ानें भी शुरू करने की योजना है।

देखो अपना देश वेबिनार सीरीज को राष्ट्रीय ई गवर्नेंस विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ तकनीकी साझेदारी में प्रस्तुत किया गया है। भारत के पास कई शानदार विरासतें है जो इसकी वास्तुकला, स्मारकों, कला, शिल्प और संस्कृतियों में परिलक्षित होती है। कई किलों, प्राचीन मंदिरों, स्मारकों, भव्य महलों आदि में उस समय की भव्यता को चित्रित किया गया है जो भारत के गौरवशाली अतीत का प्रमाण है।
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2021-04-20 12:27:01
PM Modi reviews Public Health Response to COVID-19 with the Nation’s Leading Doctors.
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2021-04-20 12:21:06
COVID-19: 85.56% स्वस्थ
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2021-04-20 12:16:35
Jammu and kashmir: पिछले 2 सालों में कितना बदला जम्मू-कश्मीर
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2021-04-20 11:49:34
कोरोना मरीजों के लिए DRDO की तकनीक बनी वरदान, ऑक्सीजन वितरण प्रणाली की इस खोज ने किया बड़ा समाधान कोविड से जंग में भारत की तमाम संस्थाएं मिलकर दिन-रात काम कर रही हैं। संकट के इस दौर में डीआरडीओ का योगदान सबसे अहम है। पीपीई किट, मास्क से लेकर अस्पताल और अब…
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2021-04-20 11:48:56 कोरोना मरीजों के लिए DRDO की तकनीक बनी वरदान, ऑक्सीजन वितरण प्रणाली की इस खोज ने किया बड़ा समाधान

कोविड से जंग में भारत की तमाम संस्थाएं मिलकर दिन-रात काम कर रही हैं। संकट के इस दौर में डीआरडीओ का योगदान सबसे अहम है। पीपीई किट, मास्क से लेकर अस्पताल और अब ऑक्सीजन प्लांट तक डीआरडीओ ने पलक झपकते तैयार कर दिया। इसी कड़ी में डीआरडीओ ने कोविड मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए नई तकनीक विकसित की है।

इस वक्त SpO2 प्रणाली कैसे बनी उपयोगी ?

दरअसल, डीआरडीओ ने दुर्गम पहाड़ियों और अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों पर तैनात सैनिकों के लिए SpO2- (ब्लड ऑक्सीजन सैचुरेशन) आधारित ऑक्सीजन वितरण प्रणाली विकसित की है। डीआरडीओ की बेंगलुरु स्थित डिफेन्स बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लेबोरेटरी (डीईबीईएल) द्वारा विकसित यह प्रणाली अतिरिक्त मात्रा में ऑक्सीजन आपूर्ति करती है और व्यक्ति को बेहोशी- हाईपोक्सिया में जाने से बचाती है, जो कई स्थितियों में घातक सिद्ध होती है। यह स्वचालित प्रणाली वर्तमान समय में फैली हुई वैश्विक महामारी कोविड-19 परिस्थितियों में भी एक वरदान सिद्ध हो सकती है।

यह प्रणाली पूरी तरह से स्वदेश में ही विकसित की गयी है जिसकी वजह से यह मजबूत, दुरुस्त और कम लागत की है। इसका उद्योग जगत पहले से ही बड़ी मात्रा में उत्पादन भी कर रहा है ।

क्या है हाईपोक्सिया ?

हाईपोक्सिया वह स्थिति है जब शरीर के ऊतकों में पहुंच रही ऑक्सीजन की मात्रा शरीर की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त हो, ठीक ऐसी ही स्थिति कोविड रोगियों में दिखती है और इस समय चल रही संकटपूर्ण स्थिति का प्रमुख कारण भी है।
इस प्रणाली का इलेक्ट्रोनिक हार्डवेयर अत्यधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी स्थानों के कम बैरोमेट्रीक दवाब, कम तापमान और आर्द्रता वाली स्थितियों में काम कर सकने के लिए बनाया गया है। इसमें लगाए गए सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी चेक्स (अवरोधक) जमीनी परिस्थितियों में इस प्रणाली की कार्यात्मक विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक रूप से महत्वपूर्ण हैं।

ये प्रणाली कैसे करती है काम ?

यह प्रणाली हाथ की कलाई में पहने जाने वाले वायरलेस इंटरफेस के माध्यम से पल्स ऑक्सीमीटर मॉड्यूल का उपयोग करके रोगी का SpO2- स्तर देख लेते हैं, उसके बाद ऑक्सीजन आपूर्ति को सुचारू बनाने वाले एक प्रोपोर्शनल सोलेनोइड वाल्व को नियंत्रित करती है, जबकि ऑक्सीजन की आपूर्ति एक पोर्टेबल कम भार वाले ऑक्सीजन सिलेंडर से नाक में की जाती है।

वहीं यह प्रणाली एक लीटर से एक किलोग्राम भार वाले सिलेंडर जिसमें 10 लीटर से 150 लीटर तक की ऑक्सीजन आपूर्ति से लेकर 10 लीटर एवं 10 किलोग्राम भार वाले 1,500 लीटर की ऑक्सीजन को दो लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) की दर से 750 मिनट तक ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में सक्षम है।

ऑक्सीजन की मात्रा को घटा/ बढ़ा सकता है

वर्तमान वैश्विक महामारी में यह प्रणाली एक वरदान ही है क्योंकि इसे मध्यम श्रेणी के कोविड रोगियों को उनके घरों में ही ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इसका स्वचालित होना ही घरों में सबसे अधिक लाभकारी है क्योंकि SpO2- स्तर कम होते ही इसका ऑक्सीमीटर चेतावनी (अलार्म) देने लगता है। SpO2- सेटिंग पर आधारित इसका प्रवाह स्वयं ही ऑक्सीजन की मात्रा को घटा/ बढ़ा सकता है और इसे 2,5, 7, 10 एलपीएम दर पर एडजस्ट किया जा सकता है। सर्वश्रेष्ठ ऑक्सीजन (O2) प्रवाह शरीर में ऑक्सीजन के स्रोत/ प्रबंधन को सुरक्षित रखता है और व्यक्ति की सहन शक्ति को बहुत बढ़ा देता है।

इसकी उपलब्धता और जनसामान्य द्वारा इसके आसानी से इस्तेमाल की सुविधा के कारण यह प्रणाली रोगियों के SpO2- स्तर की निगरानी कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों के काम का बोझ एक दम से कम करने के साथ-साथ उन्हे संक्रमण से भी बचाएगी।
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2021-04-20 11:24:59 रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख,रक्षा सचिव और डीआरडीओ चीफ को कोविड में मदद तेज करने को कहा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, रक्षा सचिव तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डी.आर.डी.ओ. प्रमुख के साथ बातचीत की है। बातचीत में रक्षा मंत्री ने कोविड संकट के दौरान आम नागरिकों को सुविधाएं तेजी से उपलब्‍ध कराने को कहा।

रक्षा सचिव ने लिखा पत्र

रक्ष मंत्री ने सेना प्रमुख को निर्देश दिया कि स्थानीय कमांडरों को मुख्‍यमंत्रियों से संपर्क करके हर संभव सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। इसके बाद रक्षा सचिव ने देशभर की 67 छावनी बोर्ड अस्पतालों को निर्देश दिया कि वहां आने वाले प्रत्येक मरीज को चिकित्‍सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने आगे कहा - मरीज चाहे फिर छावनी में रहने वाला हो या बाहर रहने वाला हो। हर व्यक्ति को इलाज मिलना सेना का उद्देश्य होना चाहिए।

डीआरडीओ पहुंचा रहा है ऑक्सीजन

रक्षा मंत्री के निर्देश पर सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डी.आर.डी.ओ. ने 150 से अधिक ऑक्सीजन के जम्बो सिलेंडर उत्तर प्रदेश सरकार को सप्लाई किए । इसके अलावा 1000 सिलेंडर डीआरडीओ बाद में पहुंचाएगा।ऑक्सीजन की यह आपूर्ति लखनऊ के सरकारी अस्पताल में की जाएगी।

18 वर्ष से अधिक आयु के लोग भी अब लगवा सकेंगे वैक्सीन

कोविड महामारी से जीतने के लिए सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया। 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को कोविड का टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। केन्‍द्र ने कोविड टीकाकरण के तीसरे चरण की रणनीति की घोषणा सोमवार को कर दी।

सरकारी केंद्रों पर लगेंगे मुफ्त टीके

तीसरे चरण में वैक्सीन निर्माता मासिक उत्पादन की 50 प्रतिशत आपूर्ति केन्द्र सरकार को करेंगे तथा बाकी 50 प्रतिशत वैक्सीन की आपूर्ति वे राज्‍यों और खुले बाजार में कर सकेंगे। इस चरण में सभी सरकारी टीकाकरण केन्द्रों पर पात्र लोगों को पहले की तरह मुफ्त टीके लगाये जायेंगे। इनमें स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और 45 वर्ष की आयु के सभी लोग शामिल हैं।
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2021-04-20 10:47:36 दिल्ली के स्कूलों में की गई गर्मी की छुट्टियां, 9 जून तक चलेंगी समर वेकेशन

(211 words)

कोरोना के कारण देश की राजधानी दिल्ली में स्कूलों की छुट्टियां पुनर्निधारित की गई हैं। बताना चाहेंगे कि दिल्ली सरकार की ओर से इस संबंध में बीते सोमवार को निर्देश जारी किया गया है। इसके मुताबिक 20 अप्रैल यानि आज से ही दिल्ली के स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश (गर्मी की छुट्टियां) शुरू हो जाएंगी। बताना चाहेंगे कि यह छुट्टियां आगामी 9 जून तक चलेंगी।

2021-2022 शैक्षणिक सत्र के लिए जारी किया निर्देश

यह निर्देश साल 2021-2022 शैक्षणिक सत्र के लिए जारी किया गया है। इसके तहत शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान वो शिक्षकों को दाखिला, परीक्षा और अकादमिक कार्यों के लिए जरूरत पड़ने पर स्कूल बुला सकते हैं, लेकिन इस दौरान सभी को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना होगा।

कक्षा नौवीं तक की ऑनलाइन कक्षाएं रहेंगी स्थगित

शिक्षा निदेशालय के नोटिस के मुताबिक, गर्मी की छुट्टियों के दौरान सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में केजी से नौवीं तक की ऑनलाइन और सेमी ऑनलाइन कक्षाएं भी स्थगित रहेंगी। वहीं निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गर्मी की छुट्टियों के दौरान नौवीं तक के छात्रों की कोई भी शैक्षणिक गतिविधियां नहीं होंगी।
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2021-04-20 09:36:13 दिल्ली पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बना कर अस्पताल तक पहुंचाई ऑक्सीजन, जानें क्या है ग्रीन कॉरिडोर और कैसे करता है काम

कोविड से जंग में स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद है, फिर चाहे अस्पताल तक सुचारू रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई करनी हो या किसी मरीज को अस्पताल पहुंचाना हो। इन सब के बीच ग्रीन कॉरिडोर इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है।

दरअसल, बीती रात ही एक घटना घटी जिसमें दिल्ली पुलिस ने एक अस्पताल में ऑक्सीजन टैंकरों को पहुंचाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया। बस इसके बाद से ही दिल्ली पुलिस की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है। ज्ञात हो, इससे पहले भी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर को इलाज के लिए हैदराबाद भेजने के लिए सागर से भोपाल 175 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

अब यहां तक तो आपको तस्वीर साफ हुई होगी लेकिन असल में ये ग्रीन कॉरिडोर है क्या और इसे कैसे और क्यों बनाया जाता है। इस बारें में जानना चाहतें हैं तो आगे जरूर पढ़ें...

https://twitter.com/PBNS_India/status/1384356822790770690?s=20

क्या है ग्रीन कॉरिडोर ?

ग्रीन कॉरिडोर का चिकित्सा में तब प्रयोग किया जाता है जब किसी आपातकाल की स्थिति में किसी मरीज को जरूरी इलाज की आवश्यकता होती है। जैसे किसी हृदय या लीवर जैसी गंभीर परिस्थिति के लिए मरीज या अंग प्रत्यारोपण किया जाना हो, उपयोगी चिकित्सा उपकरण पहुंचाना, यानि मेडिकल इमरजेंसी परिस्थिति में एक से दूसरे स्थान तक जाने के लिए कम से कम समय लगे तब ग्रीन कॉरिडॉर बनाया जाता है। इस कार्य में पुलिस के पास सबसे ज्यादा चुनौती होती है।

कैसे होता है काम ?

ग्रीन कॉरिडोर असल में अस्पताल और पुलिस के आपसी सहयोग से अस्थायी तौर पर बनाया जाने वाला एक रास्ता होता है, जिसमें कुछ देर के लिए ट्रैफिक को रोक दिया जाता है या एक नया रूट बनाया जाता है। ताकि एंबुलेंस या जरूरी मेडिकल वाहन को एक से दूसरी जगह जाने के लिए कम से कम समय लगे। इस तरह कम समय में मरीज को चिकित्सा सेवा मुहैया करवा दी जाती है जिसकी वजह से किसी की जिंदगी बचाने के लिए आपातकाल में लगने वाला समय कम हो जाता है। वैसे ग्रीन कॉरिडोर कई तरह से काम करता है। इस प्रक्रिया में कई बार अलग-अलग तरह के विशेष रूट भी तैयार किए जाते हैं।

देश में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस कर रही मदद

कोरोना काल में पिछले एक साल से पुलिस ने अस्पताल तक मेडिकल से संबंधित तमाम उपकरण चाहे वैक्सीन हो, वेंटिलेटर हो, ऑक्सीजन या फिर किसी मरीज को तत्काल इलाज की जरूरत हो, देश के अलग-अलग हिस्से में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बना कर आपात सुविधा मुहैया कराई है।
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